बलिया में आकाशीय बिजली गिरने से एक किशोरी समेत चार लोगों की मौत

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में शुक्रवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक किशोरी सहित चार लोगों की मौत हो गई जबकि पांच अन्य लोग झुलस गए। इस घटना में पांच बंदरों की भी मौत हुयी है । पुलिस ने यह जानकारी दी।

आकाशीय बिजली (फाइल)
आकाशीय बिजली (फाइल)


बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में शुक्रवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक किशोरी सहित चार लोगों की मौत हो गई जबकि पांच अन्य लोग झुलस गए। इस घटना में पांच बंदरों की भी मौत हुयी है । पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस के अनुसार उभांव थाना क्षेत्र के बनकरा गांव में आसमान में गरज के साथ आकाशीय बिजली गिरने से निशा कुमारी (17) की मौत हो गई तथा प्रियंका (18), लालबुची (45) और आशा देवी (52) झुलस गई।

उन्होंने बताया कि सभी को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बिल्थरा रोड में भर्ती कराया गया है, घटना के समय सभी खेत में धान की रोपाई कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के नरनी गांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर रविकांत (28) की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि घटना के समय रवि खेत में मजदूरों से धान की रोपाई करा रहे थे।

अधिकारी ने बताया कि रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के कुरेम गांव में खेत में धान का बीज उखाड़ते समय उषा(35) और बसंती (30) आकाशीय बिजली की चपेट में आकर झुलस गई। उन्होंने बताया कि दोनों महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रसड़ा में भर्ती कराया गया है।

नगरा थाना क्षेत्र के खालिसपुर ककरी गांव में शुक्रवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आकर विकेश खरवार (16) की मौत हो गई, घटना के समय वह अपने खेत में धान की रोपाई कर रहा था।

उन्होंने बताया कि पकड़ी थाना क्षेत्र के चक बहाउद्दीन गांव में शुक्रवार को ममसी देवी की आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मौत हो गई है। पुलिस ने सभी शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के कैलीपाली गांव में पीपल के पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरने से उस पर बैठे छह बंदर गंभीर रूप से झुलस गए। इसमें चार बंदरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक की कुछ देर बाद मौत हो गई। एक बंदर की हालत गंभीर बनी हुई है।

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि प्रशासन की तरफ से आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मरने वाले सभी लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

 










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