किसानों को आधुनिक कृषि पद्धति अपनाने की जरूरत: गहलोत

डीएन ब्यूरो

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि प्रदेश के किसानों को पारंपरिक खेती के साथ ही आधुनिक कृषि पद्धति को भी अपनाना होगा। इससे उत्पादन में वृद्धि होगी एवं उपज की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

किसाना (फाइल)
किसाना (फाइल)


जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि प्रदेश के किसानों को पारंपरिक खेती के साथ ही आधुनिक कृषि पद्धति को भी अपनाना होगा। इससे उत्पादन में वृद्धि होगी एवं उपज की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान कृषि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। बाजरा, तिलहन एवं दलहन के उत्पादन में जहां राज्य नंबर वन है, वहीं दूध और ऊन के उत्पादन में भी अव्वल है।

गहलोत ने उदयपुर में संभाग स्तरीय किसान महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक संभाग में किसान महोत्सव आयोजन के जरिए किसानों को नई तकनीकों से अवगत करवाया जा रहा है, ताकि कृषि एवं कृषकों को इसका भरपूर लाभ मिले।

उन्होंने कहा कि हमारी योजनाएं व वित्तीय प्रबंधन बेहतर है और वर्ष 2030 तक राजस्थान को प्रत्येक क्षेत्र में नंबर वन राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान आर्थिक विकास में देश में दूसरे स्थान पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार किसानों के लिए अलग से कृषि बजट पेश करने की शुरूआत की गई है। कृषक कल्याण कोष की राशि बढ़ाकर 7500 करोड़ रुपए कर दी गई है। राज्य में 42 हजार करोड़ रुपए की राशि से किसानों को अलग-अलग योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।

गहलोत ने कहा कि किसानों को प्रतिमाह 2000 यूनिट बिजली निःशुल्क उपलब्ध करवायी जा रही है। प्रदेश में कृषि उपज मण्डियों का जाल बिछाया जा रहा है, जिनमें किसानों को उपज के अच्छे दाम मिल रहे हैं एवं व्यापारियों को व्यापार करने में आसानी हो गई है।

गहलोत ने कार्यक्रम में राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के अंतर्गत उन किसानों के आश्रितों को 2-2 लाख राशि के चैक प्रदान किए, जिनका निधन कृषि कार्यों के दौरान हुआ। साथ ही, कृषि उपज मंडी के विभिन्न श्रेणियों के भूखण्ड आवंटियों को पट्टे भी वितरित किए।

 

 










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