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ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर बाइडन और मोदी से जुड़ी उम्मीदें, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

ऊर्जा क्षेत्र की एक प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ) एवं भारतीय मूल के अमेरिकी अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक परमाणु समझौते के लिए सहमत होंगे, जिससे दोनों देशों के बीच परमाणु तथा सौर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ेगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर बाइडन और मोदी से जुड़ी उम्मीदें, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

कैमडेन: ऊर्जा क्षेत्र की एक प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ) एवं भारतीय मूल के अमेरिकी अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक परमाणु समझौते के लिए सहमत होंगे, जिससे दोनों देशों के बीच परमाणु तथा सौर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि इससे भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और प्रदूषण संबंधी चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिलेगी।

होलटेक इंटरनेशनल के सीईओ कृष सिंह का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी की अगले सप्ताह अमेरिका की आधाकारिक यात्रा से पहले आया है।

सिंह ने कृष्णा पी सिंह प्रौद्योगिकी परिसर में ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमने यहां एक छोटा परमाणु रिएक्टर बनाया है और अब हम उसकी वाणिज्यिक ब्रिकी के लिए तैयार हैं। मेरी इच्छा है कि हम इसे अच्छी संख्या में भारत को मुहैया कराएं। इससे परिदृश्य बदलेगा। मैं इसके बारे में बात करके बेहद उत्साहित हो जाता हूं क्योंकि यह वाकई में असाधारण समाधान है।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, होलटेक इंटरनेशनल कार्बन उत्सर्जन रहित ऊर्जा निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी है खासतौर पर वाणिज्यिक परमाणु और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में।

सिंह ने भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में, खासतौर पर परमाणु प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने की संभावना को रेखांकित किया और कहा कि यह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ ही साथ ही प्रदूषण की समस्या से निपटने में मदद कर सकता है तथा स्वच्छ हवा भी सुनिश्चित कर सकता है।

सिंह ने कहा कि सभी बिजली संयंत्रों को चलाने के लिए पानी की जरूरत होती है, लेकिन उनकी कंपनी का रिएक्टर हवा में चलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको राजस्थान के मध्य में बिजली का उत्पादन करना है, जहां बहुत कम पानी है तो आप इस रिएक्टर का उपयोग कर सकते हैं। यह बिजली पैदा करता है और प्रदूषण भी नहीं फैलाता।’’

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