आयुष की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए साक्ष्य आधारित शोध को बढ़ावा देने की जरूरत

डीएन ब्यूरो

आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार की क्षमता और दुनिया के इसकी (आयुर्वेद की) ओर लौटने को रेखांकित करते हुए केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आयुष चिकित्सा पद्धतियों की स्वीकार्यता को और मजबूत करने के लिए साक्ष्य आधारित शोध को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट
केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट


नयी दिल्ली: आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार की क्षमता और दुनिया के इसकी (आयुर्वेद की) ओर लौटने को रेखांकित करते हुए केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आयुष चिकित्सा पद्धतियों की स्वीकार्यता को और मजबूत करने के लिए साक्ष्य आधारित शोध को बढ़ावा देने पर जोर दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एक सरकारी बयान के अनुसार भट्ट उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चार दिवसीय आयुर योग एक्सपो एवं राज्य आरोग्य मेले के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 24 फरवरी से शुरू हुए मेले में बड़ी संख्या में आयुर्वेद विशेषज्ञों, फार्मा कंपनियों और सरकारी संस्थानों ने शिरकत की।

इसके अनुसार देश की अग्रणी आयुर्वेद फार्मा कंपनियों ने मेले में अपने 'स्टॉल' लगा अनुसंधानों एवं उत्पादों को प्रदर्शित किया।

बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश के आयुष राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्रा ने मेले में विभिन्न स्टॉल का निरीक्षण किया।

बयान के अनुसार इस मौके पर एमिल फार्मास्युटिकल के कार्यकारी निदेशक डा. संचित शर्मा ने कहा कि कंपनी आयुर्वेद के फार्मूलों पर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की जरूरतों के अनुरूप शोध कर रही है। उन्होंने कहा कि फार्मूले को बाजार में लाने से पूर्व बाकायदा क्लिनिकल ट्रायल किए जा रहे हैं ताकि बिना किसी दुष्प्रभाव के मरीजों को रोगों से मुक्ति मिले सके।

इसमें कहा गया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार आयुर्वेद सहित पारंपरिक दवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए कई कदम उठा रही है। बयान के अनुसार इसके लिए सरकार जीवन काल बढ़ाने और दीर्घकालिक रोगों के इलाज के मकसद समर्पित आयुर्वेद-उन्मुख अनुसंधान के लिए अनुदान में लगातार बढ़ोतरी कर रही है।










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