देश में स्वच्छ स्रोतों से बिजली उत्पादन क्षमता 2031-32 तक 68.4 प्रतिशत होगी: सरकार
देश की गैर-जीवाश्म यानी स्वच्छ बिजली उत्पादन क्षमता 2031-32 तक बढ़कर कुल उत्पादन का 68.4 हो जाएगी। बिजली मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी राष्ट्रीय बिजली योजना (एनईपी) के अनुसार, देश में इस समय स्वच्छ ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 42.5 प्रतिशत है।
नई दिल्ली: देश की गैर-जीवाश्म यानी स्वच्छ बिजली उत्पादन क्षमता 2031-32 तक बढ़कर कुल उत्पादन का 68.4 हो जाएगी। बिजली मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी राष्ट्रीय बिजली योजना (एनईपी) के अनुसार, देश में इस समय स्वच्छ ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 42.5 प्रतिशत है।
यह अनुमान 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन और 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता के लक्ष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
बिजली मंत्रालय ने बयान में कहा, “राष्ट्रीय बिजली योजना में अनुमान है कि गैर-जीवाश्म-आधारित क्षमता का हिस्सा 2026-27 के अंत तक बढ़कर 57.4 प्रतिशत और 2031-32 के अंत तक बढ़कर 68.4 प्रतिशत हो सकता है, जो अप्रैल, 2023 में लगभग 42.5 प्रतिशत है।”
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बयान के अनुसार, केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) ने 2022-32 के लिए राष्ट्रीय बिजली योजना (एनईपी) (खंड-1 उत्पादन) अधिसूचित किया है।
बुधवार को जारी दस्तावेज में पिछले पांच वर्षों (2017-22) की समीक्षा, अगले पांच वर्षों (2022-27) के लिए विस्तृत योजना और उससे अगले पांच वर्षों (2027-32) के लिए संभावित योजना जारी की गयी है।
एनईपी दस्तावेज में 20वें बिजली सर्वे (ईपीएस) की मांग अनुमानों के अनुसार, पूरे देश में 2026-27 के लिए अनुमानित सर्वाधिक बिजली मांग और विद्युत ऊर्जा की जरूरत 277.2 गीगावॉट और 1,907.8 अरब यूनिट होगी। वहीं 2031-32 के लिये 366.4 गीगावॉट और 2,473.8 अरब यूनिट होगी।
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ऊर्जा जरूरतें और अधिकतम मांग में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ने, छतों पर लगायी जा रही सौर परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, सौभाग्य योजना आदि को शामिल किया गया है।