चक्रवात बिपारजॉय का असर, दिल्ली के कई इलाकों में बारिश

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय राजधानी में कई दिनों से भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से राहत मिली।

चक्रवात (फाइल)
चक्रवात (फाइल)


नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कई दिनों से भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से राहत मिली।

चक्रवात 'बिपारजॉय' के प्रभाव और उत्तर-पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने कारण दिल्ली में एक बार फिर से मानसून पूर्व बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरूप शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है और यातायात बाधित हो गया।

गौरतलब है कि अरब सागर में करीब 10 दिनों तक बने रहने के बाद शक्तिशाली चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ बृहस्पतिवार को गुजरात के जखौ बंदरगाह के पास तट से टकराया था।

बारिश हल्की थी, लेकिन कई इलाकों में पानी भर गया और दिल्ली के कई इलाकों में यातायात ठप हो गया।

दिल्ली की यातायात पुलिस के मुताबिक रंगपुरी चौराहे के पास जल-जमाव के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-48 इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ तथा मोदी मिल और लाजपत नगर के बीच कैप्टन गौड़ मार्ग पर एक पेड़ के उखड़ जाने के कारण रास्ता बाधित हो गया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

राजधानी में आर्द्रता का स्तर 87 से 42 प्रतिशत के बीच रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, शाम सात बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 108 दर्ज किया गया जो कि 'मध्यम' श्रेणी में आता है।

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली में चक्रवात के प्रभाव के कारण हल्की बारिश हुई। उन्होंने बताया कि ताजा पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर में नमी से भरी दक्षिण-पूर्वी हवाएं राजस्थान और दक्षिण हरियाणा को पार करने के बाद राजधानी पहुंचेंगी।

कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘बीते कुछ दिनों में अधिकतम तापमान में वृद्धि के साथ-साथ नमी से भरी दक्षिण-पश्चिमी हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर-पश्चिमी भारत में बारिश होगी। ’’

आईएमडी ने पिछले महीने उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से नीचे बारिश होने की संभावना व्यक्त की थी। जिसका अर्थ है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में शुष्क और गर्म दिन हो सकते हैं।

गौरतलब है कि उत्तरी और दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों को छोड़कर जून में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया जाता है।

आईएमडी ने कहा है कि मानसून एक जून की सामान्य तारीख के एक सप्ताह बाद आठ जून को केरल में पहुंचा है।

आईएमडी ने पहले केरल में मानसून की शुरुआत में चार दिनों की देरी की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, अरब सागर में चक्रवात बिपारजॉय के कारण मानसून के आगमन में और देरी हुई।

शोध से पता चलता है कि केरल (एमओके) पर मानसून की शुरुआत में देरी का मतलब जरूरी नहीं है कि उत्तर-पश्चिमी भारत में मानसून की शुरुआत में देरी हो।

दिल्ली में मानसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 27 जून है।

 










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