ईडी ने हथियार डीलर संजय भंडारी के धन शोधन जांच के तहत दक्षिण दिल्ली की संपत्ति कब्जे में ली
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ब्रिटेन में रह रहे कथित बिचौलिए और हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ चल रहे धन शोधन मामले की जांच के तहत मंगलवार को उनके खिलाफ बेदखली के आदेश जारी किए और दक्षिण दिल्ली की उनकी एक महंगी संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ब्रिटेन में रह रहे कथित बिचौलिए और हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ चल रहे धन शोधन मामले की जांच के तहत मंगलवार को उनके खिलाफ बेदखली के आदेश जारी किए और दक्षिण दिल्ली की उनकी एक महंगी संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया।
यह संपत्ति पंचशील पार्क में पंचशील शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्थित है और ‘एस बी हॉस्पिटैलिटी एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम पर पंजीकृत है। कंपनी को कंपनी रजिस्ट्रार के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है और ईडी को लगता है कि इस ‘अस्तित्व-विहीन’ कंपनी की संपत्ति को 'अलग किया जा सकता है'।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ईडी के सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, यह संपत्ति भंडारी (61) की है और जून 2017 में एजेंसी ने इसे कुर्क कर लिया था और आखिरकार पांच जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा आदेश की पुष्टि की गई।
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संपत्ति को ईडी ने पीएमएलए की धारा (8) की उपधारा (4) के तहत अपने कब्जे में लिया है।
ईडी के अनुसार, बताया जाता है कि भंडारी 2016 में ब्रिटेन भाग गया था और विदेश में कथित अघोषित संपत्ति रखने से जुड़े धन शोधन मामले में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
ब्रिटेन सरकार ने ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो के कानूनी अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए इस साल जनवरी में भंडारी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी, जो विदेश में कथित अघोषित संपत्ति रखने के लिए भंडारी के खिलाफ धन शोधन और कर चोरी के आरोपों की जांच कर रहे हैं।
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ईडी ने कहा कि वह संपत्ति को अपने कब्जे में ले रही है क्योंकि उसका मानना है कि भारत में भंडारी की संपत्ति पर 'भूमि माफिया द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए जाने की उचित संभावना है।'
एजेंसी ने सितंबर में इस संपत्ति से जुड़ी संबंधित संस्थाओं को बेदखली का नोटिस दिया है, जिसमें कहा गया है कि 'अगले आदेश तक संपत्ति को बिक्री, उपहार, गिरवी या अन्य किसी भी तरीके से स्थानांतरित करने पर रोक है।'