बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, पुणे स्थित समूह की 12 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि उसने 300 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी धनशोधन जांच में पुणे स्थित एक व्यापार समूह की 12 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।

प्रवर्तन निदेशालय (फ़ाइल फोटो)
प्रवर्तन निदेशालय (फ़ाइल फोटो)


नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि उसने 300 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी धनशोधन जांच में पुणे स्थित एक व्यापार समूह की 12 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।

पुणे, नागपुर, महाराष्ट्र के रत्नागिरी और गोवा में स्थित एक दर्जन अचल संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनंतिम रूप से कुर्क किया गया है।

संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, “वरोन के प्रवर्तक दिवंगत एस.पी. सवाईकर ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर वरोन एल्युमिनियम प्रा. लिमिटेड की ओर से केनरा बैंक, डेक्कन जिमखाना शाखा, पुणे द्वारा खोले गए लगभग 300 करोड़ रुपये के साख पत्र द्वारा समर्थित 246 जाली बिलों को धोखे से भुनाने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी।”

इसमें कहा गया, “हालांकि, माल की कोई वास्तविक आवाजाही नहीं हुई थी और राशि को पुराने ऋणों का भुगतान करने के लिए दूसरे खातों में डाला गया था...।”

कंपनी एल्यूमीनियम मिश्र धातु और स्टील फोर्जिंग के निर्माण में काम करती है।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि पहले के ऋण खातों को नियमित रूप से सेवित नहीं किया गया था और ऋण की आय को बताए गए उद्देश्यों के अलावा अन्य के लिए उपयोग में लाया गया था तथा राशि का उपयोग प्रवर्तकों के नाम पर संपत्ति बनाने और बेनामी संपत्ति बनाने के लिए किया गया था।

ईडी ने कहा कि कुल 12.80 करोड़ रुपये की संपत्ति की नवीनतम कुर्की के साथ, मामले में संपत्तियों के लेनदेन पर रोक का कुल मूल्य 179.27 करोड़ रुपये पहुंच गया है।










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