डीयू कॉलेज ने कार्यक्रम के दौरान उत्पीड़न का सामना करने वाली छात्राओं के लिए काउंसलिंग शुरू की

डीएन ब्यूरो

दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज (आईपीसीडब्ल्यू) ने उन छात्राओं के लिए काउंसलिंग सत्र शुरू किया है, जिन्होंने कॉलेज के वार्षिक उत्सव के दौरान कथित उत्पीड़न के कारण सदमे में आने का दावा किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज
दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज


नयी दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज (आईपीसीडब्ल्यू) ने उन छात्राओं के लिए काउंसलिंग सत्र शुरू किया है, जिन्होंने कॉलेज के वार्षिक उत्सव के दौरान कथित उत्पीड़न के कारण सदमे में आने का दावा किया है। यह जानकारी कॉलेज की प्राचार्य पूनम कुमरिया ने दी।

प्राचार्य कुमरिया ने पिछले दो दिनों में अपने दूसरे बयान में कहा कि इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज उत्सव के दौरान कुछ छात्राओं को हुई असुविधा से चिंतित है और छात्राओं से काउंसलिंग की सेवाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया गया है।

28 मार्च को, कुछ ‘‘अज्ञात’’ पुरुषों ने कॉलेज में वार्षिक 'श्रुति' उत्सव के दौरान कथित रूप से कॉलेज में अनधिकृत प्रवेश किया था, नारेबाजी की थी और छात्राओं को परेशान किया था।

इस घटना के बाद प्राचार्य के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए गए, जिसमें छात्राओं ने कॉलेज का ‘‘भगवाकरण’’ करने के प्रयास का भी आरोप लगाया। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने नव-नियुक्त प्राचार्य द्वारा निगरानी में वृद्धि किये जाने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कमी आने का आरोप भी लगाया।

कुमरिया ने एक बयान में कहा कि प्रबंधन ने पुलिस से छात्रों की शिकायत दर्ज करने के लिए बुधवार को एक महिला अधिकारी को कॉलेज भेजने का अनुरोध भी किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्राचार्य ने  जारी अपने बयान में कहा, ‘‘कॉलेज की कुछ छात्राओं को हुई असुविधा से चिंतित, इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज के प्रबंधन ने थाना प्रभारी, सिविल लाइंस से अनुरोध किया है कि वह कॉलेज परिसर में व्यक्तियों के अनधिकृत रूप से प्रवेश करने के चलते सदमे में आयी छात्राओं की शिकायतों को दर्ज करने के लिए पांच अप्रैल 2023 को दोपहर 12:00 बजे से अपराह्न 3:00 बजे के बीच कॉलेज में एक महिला अधिकारी को भेजें।’’

उन्होंने सभी छात्रों के साथ ही अन्य हितधारकों से उनके पास उपलब्ध सभी सामग्री के साथ आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन इकाई (आईक्यूएसी) कक्ष में उपस्थित होने का अनुरोध किया।

बयान में कहा गया है, ‘‘कॉलेज का प्रबंधन भी कुछ छात्राओं के सदमे में आने को लेकर चिंतित है और इस उद्देश्य के लिए, कॉलेज ने कॉलेज के काउंसलर से इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण पीड़ित छात्राओं को काउंसलिंग प्रदान करने का अनुरोध किया है।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘काउंसलर 5 अप्रैल 2023 से 8 अप्रैल 2023 तक अपराह्न 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे के बीच कॉलेज के काउंसलिंग रूम में उपलब्ध रहेगा।’’

छात्राओं ने आरोप लगाया है कि 29 मार्च को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कुछ पुरुषों ने कॉलेज की चारदिवारी पर चढ़कर कई छात्राओं को परेशान किया। उनके विरोध प्रदर्शन के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने सोमवार को 'छात्राओं द्वारा उठाई गई शिकायतों' पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया और समिति से एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा।

पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 337 और 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

हंगामे के बाद सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपना पहला बयान जारी किया कि घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए और इसके द्वारा प्राप्त सभी जानकारी कानून-प्रवर्तन एजेंसी को जांच में तेजी लाने के अनुरोध के साथ प्रदान की जाएगी। लेकिन छात्राएं प्राचार्य के इस्तीफे की अपनी मांग पर अड़ी हुई हैं और उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आमसभा की बैठक बुलाने की भी मांग की है।










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