Delhi pollution: धूल प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार सख्त, धूल रोधी मानदंडों का उल्लंघन करने पर एनबीसीसी के खिलाफ नोटिस
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को एक परियोजना स्थल पर धूल नियंत्रण मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली निर्माण कंपनी एनबीसीसी इंडिया को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को एक परियोजना स्थल पर धूल नियंत्रण मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली निर्माण कंपनी एनबीसीसी इंडिया को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दिल्ली सरकार के धूल-रोधी अभियान के तहत गोपाल राय ने मंगलवार को कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन के पास एनबीसीसी निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और पाया कि निर्माण अपशिष्ट को खुले में ही फेंका जा रहा था और 'एंटी-स्मॉग गन' काम नहीं कर रहे थे।
पर्यावरण मंत्री ने डीपीसीसी को फर्म को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया और कहा कि यदि उल्लंघनकर्ता 24 घंटे के भीतर संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
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गोपाल राय ने शनिवार को राजधानी में धूल प्रदूषण को रोकने के लिए एक महीने तक चलने वाला अभियान शुरू किया और कहा कि प्रासंगिक मानदंडों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धूल-रोधी अभियान में 500 वर्ग मीटर से अधिक के सभी स्थलों पर धूल नियंत्रण उपकरण की स्थापना जैसे उपाय शामिल हैं तथा एक वेब पोर्टल के माध्यम से वास्तविक समय की निगरानी उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि धूल-कण नियंत्रण नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 591 टीम गठित की गयी हैं, 530 ‘वाटर स्प्रिंकलर’ (जल छिड़काव मशीनों) की मदद ली जा रही है तथा 258 धूल-कण रोधी सचल उपकरणों की भी सेवा ली जा रही है।
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राय ने कहा कि दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण वाले 13 स्थानों के लिए अलग-अलग एवं विशिष्ट कार्ययोजनाएं तैयार की गयी हैं और उसके लिए 40 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के वायु गुणवत्ता आंकड़ों को आधार बनाया गया है।
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए सितंबर में 15 सूत्री कार्ययोजना शुरू की थी जिसमें धूलकण प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन और खुले में कचरा जलाने की समस्याओं के समाधान पर बल दिया गया है।