दिल्ली हाई कोर्ट ने तीन सरकारी अधिकारियों को ठहराया अवमानना ​​का दोषी, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक ‘क्लस्टर’ योजना के तहत निजी परिवहन सेवाएं मुहैया करने वाली कंपनियों को भुगतान से संबंधित एक न्यायिक आदेश के ''स्पष्ट निर्देशों की जानबूझकर अवमानना'' करने में मुख्य सचिव सहित शहर के तीन सरकारी अधिकारियों को दोषी पाया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली उच्च न्यायालय
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नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक ‘क्लस्टर’ योजना के तहत निजी परिवहन सेवाएं मुहैया करने वाली कंपनियों को भुगतान से संबंधित एक न्यायिक आदेश के ''स्पष्ट निर्देशों की जानबूझकर अवमानना'' करने में मुख्य सचिव सहित शहर के तीन सरकारी अधिकारियों को दोषी पाया है।

अदालत ने मुख्य सचिव, विशेष आयुक्त (परिवहन) और श्रम सचिव को उसके समक्ष उपस्थित होने के लिए भी कहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, यह देखते हुए कि अवमानना कानून जनहित की सेवा और न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास पैदा करने के लिए है, इसलिए वर्तमान मामले में अधिकारियों के साथ 'सख्ती से' निपटना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

अदालत ने यह आदेश दिया,'14 जुलाई 2023 को अवमाननाकर्ता, विशेष आयुक्त परिवहन, मुख्य सचिव और दिल्ली सरकार के राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनसीटी) के श्रम सचिव अदालत में उपस्थित हों।'

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय की एक पीठ ने दिसंबर 2017 में अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे न्यूनतम पारिश्रमिक में वृद्धि के मद्देनजर निजी परिवहन सेवा प्रदान कर रहे रियायतग्राहियों को अलग से पुनर्निर्धारित राशि का भुगतान करें।










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