सावधान! ऐप पर पैसा डबल करने का ऑफर, 250 करोड़ रुपयों की ठगी, एक आरोपी गिरफ्तार, जानिये सनसनीखेज मामला
यदि आपको भी किसी ऐप या ऑनलाइन माध्यम से पैसा डबल करने जैसा आकर्षक ऑफर मिलता है तो आपको सावधान रहने की जररूत है। एक ऐसा ही बड़ा ठगी का मामला सामने आया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
देहरादून/ नई दिल्ली: उत्तराखंड पुलिस ने एक बड़े साइबर अपराधियों के गैंग का पर्दाफाश किया है। उत्तराखंड एसटीएफ ने नोएडा से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करते हुए मोबाइल ऐप से सैकड़ों लोगों से 250 करोड़ की ठगी करने के मामले का भंडापोड़ किया। यह हाल के दिनों में अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक धोखाधड़ी मानी जा रही है। मुख्य आरोपी के गिरफ्तारी के बाद इस ठगी में कई अन्य आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी होने की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक यह ठगी चीन की स्टार्टअप योजना के तहत बने ऐप के जरिये की गई। देश के लगभग 50 लाख लोगों द्वारा इस ऐप को डाउनलोड किया जा चुका है। इस ऐप के जरिये लोगों को 15 दिन में पैसे डबल होने का लालच दिया जाता था। 15 दिन में पैसा दोगुने करने के लिए पहले लोगों से पॉवर बैंक ऐप को डाउनलोड करने को कहा जाता था जिसके बाद उनसे 15 दिन में पैसे डबल होने का लालच दिया जाता था।
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उत्तराखंड एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक पुलिस जांच में सामने आया कि ठगी करने वाले विदेशी निवेशकों द्वारा भारत के बिजनेसमैन को कमीशन का लालच देकर एक ऐप के जरिये लोगों को लोन देने की बात करते थे। एख शिकायत के बाद पुलिस ने जब मामले की जांच की तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये। एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि उत्तराखंड एसटीएफ ने छानबीन के बाद नोएडा से मामले में एक आरोपी पवन पांडेय को अरेस्ट किया है।
गिरफ्तार आरोपी के कब्जे से पुलिस ने 19 लैपटॉप, 592 सिम कार्ड, 5 मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड और 1 पासपोर्ट बरामद हुआ है। एसटीएफ ने जांच में पाया कि ये धनराशि क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजी जा रही है।
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यह मामला तब सामने आया, जब हरिद्वार निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस में सूचना दी कि एक "पावर बैंक ऐप" से पैसे दोगुने करने के लिए दो बार क्रमशः 93 हजार और 72 हजार जमा किए थे, जिसने 15 दिन में डबल होने के लिए कहा गया था। लेकिन पैसे डबल नहीं हुए। शिकायतकर्ता को जब अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ तो उसने थाने में शिकायत दर्ज कराई जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की।
पुलिस जांच में पाया गया कि सभी धनराशि अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई थी। जब वित्तीय लेन देन का अध्ययन किया गया तो पुलिस के हाथ 250 करोड़ की ठगी सामने आई। एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में जल्द ही अन्य कई आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।