दिल्ली में निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरने से क्रेन चालक की मौत, दो लोग गिरफ्तार

दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग-48 के पास एक क्रेन के ऊपर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर जाने से बुधवार को 35 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 14 June 2023, 9:45 PM IST
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नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग-48 के पास एक क्रेन के ऊपर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर जाने से बुधवार को 35 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) मनोज सी. ने बताया कि घटना समालखा, कापसहेड़ा में हुई।

उन्होंने कहा कि दो लोगों-साइट सुपरवाइजर इंजमाम हुसैन (30) और साइट मैनेजर रोहित (35) को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस उपायुक्त ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे लिंक रोड के ऊपरगामी हिस्से का निर्माण जारी है।

उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा क्रेन के ऊपर गिर गया जिससे क्रेन चालक शकील की मौत हो गई जो राजस्थान के भरतपुर का निवासी था।

अधिकारी ने कहा कि संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दमकल विभाग ने कहा कि घटना की जानकारी सुबह करीब 10 बजे मिली, जिसके बाद दमकल की तीन गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया।

शकील के परिजनों ने कहा कि वह अपने परिवार का अकेला कमाने वाला था।

वहीं, शकील के चाचा सत्तार ने कहा, “हमें सुबह घटना के बारे में पता चला और हम घटनास्थल पर पहुंचे। जब फ्लाईओवर के नीचे कोई सहारा नहीं था, तो किसी को भी इसके नीचे खड़े होने या काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। हम शकील के लिए न्याय चाहते हैं। उसके दो बच्चे और चार बहनें हैं।”

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि घटना की जांच के लिए पुल विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “द्वारका एक्सप्रेसवे पर शिव मूर्ति इंटरचेंज के फ्लाईओवर का नौवां और 10वां खंभा 14 जून 2023 को गिर गया। एनएचआईए के अधिकारी, प्राधिकरण के इंजीनियर और पुल विशेषज्ञ तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए पुल विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है।”

मंत्रालय ने कहा कि टीम के दो सदस्य पहले से ही स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं और तीसरा सदस्य कल सुबह स्थल पर पहुंचेगा। समिति सभी पहलुओं की विस्तार से जांच करेगी और चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करेगी।

मंत्रालय ने कहा कि साइट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रथम दृष्टया यह यांत्रिक विफलता का मामला प्रतीत होता है।

भारत के पहले पहले आठ लेन वाले द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मई में कहा था कि एक्सप्रेसवे का निर्माण अप्रैल 2024 तक पूरा हो जाएगा।

 

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