कांग्रेस सरकारों पर पूर्वोत्तर क्षेत्र में 'फूट डालो और राज करो की नीति' अपनाने का आरोप
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने सोमवार को आरोप लगाया कि ‘‘कांग्रेस सरकारों की फूट डालो और राज करो की नीति के कारण’’ पूर्वोत्तर क्षेत्र पिछले 70 सालों से ‘‘भौगोलिक अलगाव, राजनीतिक अस्थिरता और असंतुलित विकास’’ जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने सोमवार को आरोप लगाया कि ‘‘कांग्रेस सरकारों की फूट डालो और राज करो की नीति के कारण’’ पूर्वोत्तर क्षेत्र पिछले 70 सालों से ‘‘भौगोलिक अलगाव, राजनीतिक अस्थिरता और असंतुलित विकास’’ जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार हिमंत ने दावा किया कि इस क्षेत्र में पिछले 70 वर्षों से जारी कई संघर्ष को केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के नौ वर्षों के कार्यकाल में ‘‘सुलझा’’ लिए गए हैं। शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘चाहे वह असम में बोडो, कार्बी संघर्ष हो; मिजोरम में ब्रूस का मुद्दा हो या त्रिपुरा में एनएलएफटी उग्रवाद, माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ऐसी कई समस्याओं का समाधान हो गया।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘पिछले नौ वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘क्षेत्र को जोड़ने और एकजुट करने पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित किया है।’’
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले नौ वर्षों में ‘‘60 बार और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने 400 बार’’ पूर्वोत्तर का दौरा किया है।
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पूर्वोत्तर क्षेत्र पिछले 70 वर्षों तक कांग्रेस सरकारों द्वारा फूट डालो और राज करो की नीति के कारण भौगोलिक अलगाव, राजनीतिक अस्थिरता और असंतुलित विकास, जैसी चुनौतियों का सामना करता रहा।’’