Site icon Hindi Dynamite News

स्टार्टअप के लिए नियामक व्यवस्था के पहलुओं पर समिति कर सकती है विचार

सरकार द्वारा नियुक्त समिति इस बात पर विचार कर सकती है कि क्या कुछ इकाइयों में कॉरपोरेट प्रशासन से संबंधित चिंताओं को देखते हुए स्टार्टअप के लिए सख्त नियामक व्यवस्था की जरूरत है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
स्टार्टअप के लिए नियामक व्यवस्था के पहलुओं पर समिति कर सकती है विचार

नयी दिल्ली: सरकार द्वारा नियुक्त समिति इस बात पर विचार कर सकती है कि क्या कुछ इकाइयों में कॉरपोरेट प्रशासन से संबंधित चिंताओं को देखते हुए स्टार्टअप के लिए सख्त नियामक व्यवस्था की जरूरत है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि स्टार्टअप आम तौर पर छोटे होते हैं और नियमन के मामले में उनमें संतुलन की जरूरत होती है। कारोबारी सुगमता और अनुपालन आधारित नियामक व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की ओर से सितंबर, 2019 में गठित कंपनी कानून समिति (सीएलसी) स्टार्टअप के लिए नियमन व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर विचार कर सकती है।

कॉरपोरेट मामलों के सचिव की अध्यक्षता में गठित स्थायी समति सरकारी अधिकारी, उद्योग के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ शामिल हैं। यह मोटे तौर पर कंपनी अधिनियम, 2013 और सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) अधिनियम, 2008 के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ ही कारोबारी सुगमता पर ध्यान देती है।

अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने इस बारे में अपनी राय नहीं बनाई है कि क्या स्टार्टअप के लिए अधिक कठोर नियामक ढांचे की आवश्यकता है या नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसी संस्थाओं पर बहुत अधिक नियामक अनुपालन बोझ नहीं होना चाहिए।

Exit mobile version