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छत्तीसगढ़: सूरजपुर से पकड़ी गई बाघिन को बिलासपुर के अचानकमार में छोड़ा गया

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में दो लोगों को मारने और एक व्यक्ति को घायल करने वाली बाघिन को बिलासपुर जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया है। बाघिन को 28 मार्च को पकड़ा गया था। वन विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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छत्तीसगढ़: सूरजपुर से पकड़ी गई बाघिन को बिलासपुर के अचानकमार में छोड़ा गया

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में दो लोगों को मारने और एक व्यक्ति को घायल करने वाली बाघिन को बिलासपुर जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया है। बाघिन को 28 मार्च को पकड़ा गया था। वन विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग ने सूरजपुर से पकड़ी गई बाघिन को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि बाघिन को 28 मार्च को सूरजपुर जिले के जंगल से पकड़ा गया था। उसके हमले में दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी तथा एक अन्य घायल हो गया था।

अधिकारियों ने बताया कि बाघिन को जब पकड़ा गया था तब उसके शरीर में चोट के निशान थे। इलाज के बाद उसके पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद उसे आज जंगल में छोड़ दिया गया।

राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) सुधीर कुमार अग्रवाल ने बताया कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के टाइगर रिजर्व से दो मादा और एक नर बाघ को लाने की प्रक्रिया चल रही है। इस बीच सूरजपुर वनमंडल से पकड़ी गई बाघिन को आज अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया।

अग्रवाल ने बताया कि मानक प्रचालन प्रक्रिया के अनुसार 28 अप्रैल को वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम ने बाघिन को रेडियो कॉलर लगाया था तथा आज उसे उचित रहवास में सफलतापूर्वक छोड़ दिया गया।

उन्होंने बताया कि प्राकृतिक रहवास में मुक्त किए जाने के बाद आगामी एक माह तक बाघिन की गतिविधि का पता लगाने के लिए उपयुक्त निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है। इसके लिए टीम को पन्ना टाइगर रिजर्व में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के दो रिसर्च स्कॉलर (अनुसंधानकर्ताओं) और वन्यप्राणी चिकित्सकों के दल को भी विशेष रूप से तैनात किया गया है।

अ​धिकारी ने बताया कि बाघिन को प्राकृतिक रहवास में छोड़े जाने से पहले क्षेत्र के ग्रामवासियों से भी चर्चा कर विश्वास में लिया गया है। इस बाघिन के यहां आने से बाघों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।

 

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