दिल्ली आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के मामले में बड़ा अपडेट, ईडी ने इस बड़े कारोबारी को किया गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की अब समाप्त की जा चुकी आबकारी नीति को बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े धन शोधन के मामले में कारोबारी दिनेश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कारोबारी दिनेश अरोड़ा  गिरफ्तार
कारोबारी दिनेश अरोड़ा गिरफ्तार


नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की अब समाप्त की जा चुकी आबकारी नीति को बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े धन शोधन के मामले में बृहस्पतिवार रात को कारोबारी दिनेश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी कर रहा है और अरोड़ा को उसके मामले में सरकारी गवाह बनाया गया है। लंबी पूछताछ के बाद अरोड़ा को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया। उम्मीद है कि एजेंसी उन्हें शुक्रवार को स्थानीय अदालत में पेश करेगी।

दिनेश अरोड़ा से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों ने बताया कि इस बार वह सवालों का गोलमोल जवाब दे रहे थे और एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

कारोबारी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया के कथित तौर पर करीबी हैं, जो आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं। उन्हें ईडी और सीबीआई दोनों ने ही गिरफ्तार किया है। यह नीति अब रद्द की जा चुकी है।

ईडी ने एक पूरक आरोप पत्र में, सिसोदिया पर दिनेश अरोड़ा के माध्यम से मामले में अन्य आरोपी व्यवसायी अमित अरोड़ा से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।

दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल 16 नवंबर को मामले में दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनाने की सीबीआई की याचिका स्वीकार कर ली थी और उन्हें माफ कर दिया था।

यह शायद दुर्लभ या पहला ऐसा मामला है जिसमें सीबीआई के मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बने शख्स को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि दोनों संघीय एजेंसियां एक ही मामले की जांच कर रही हैं।

ईडी द्वारा इस मामले में यह 13वीं गिरफ्तारी है जिसमें उसने सिसोदिया के खिलाफ आरोप पत्र समेत अब तक पांच आरोप पत्र दायर किये हैं।

ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया गया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कुछ शराब डीलरों का पक्ष लिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी।

दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस आरोप का खंडन किया है।










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