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हिमाचल में फिर बरपा कुदरत का कहर: कुल्लू में भूस्खलन, 11 घर खाली, 82 की मौत

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी में भारी बारिश के कारण शनिवार को भूस्खलन हुआ, जिससे 11 मकानों को खाली कराना पड़ा। राज्य में अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लापता हैं। बारिश से सैकड़ों सड़कें बंद हैं और प्रशासन ने 29 जुलाई को भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
Post Published By: Asmita Patel
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हिमाचल में फिर बरपा कुदरत का कहर: कुल्लू में भूस्खलन, 11 घर खाली, 82 की मौत

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी के दुरीधार गांव में शनिवार, 26 जुलाई को भारी बारिश के कारण अचानक भूस्खलन हुआ। इसके चलते प्रशासन को 11 घरों को तत्काल खाली कराना पड़ा। करीब 20 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कुल्लू के उपायुक्त तारुल एस. रवीश ने बताया कि सभी प्रभावितों को लोक निर्माण विभाग (PWD) के विश्राम गृह में बनाए गए ट्रांजिट कैंप में शिफ्ट किया गया है। प्रशासन ने प्राथमिकता के तौर पर लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी को पूरी तरह निभाया।

पहाड़ी से गिर रहे थे पत्थर, लोगों में दहशत

सैंज पंचायत के प्रधान भगतराम आजाद ने बताया कि गांव के पीछे स्थित पहाड़ी का बड़ा हिस्सा खिसकने लगा था और लगातार पत्थर गिर रहे थे। इससे गांव में दहशत फैल गई। लोगों ने तुरंत प्रशासन से संपर्क किया और समय रहते सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया।

मंडी में सबसे ज्यादा असर

भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में सड़क व्यवस्था भी बुरी तरह चरमरा गई है। अब तक दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 213 सड़कें बंद हो चुकी हैं। अकेले मंडी ज़िले में ही 140 सड़कें बाधित हैं, जिनमें मनाली-कोटली मार्ग (एनएच-70) प्रमुख है। सैंज को औट से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (305) भी भूस्खलन के कारण केखसू और झेड़ में अवरुद्ध है।

1,436 करोड़ का नुकसान

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, 20 जून से अब तक मानसून की वजह से हिमाचल में भारी तबाही हुई है। बारिश से जुड़ी घटनाओं में 82 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 34 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 42 बार बाढ़, 25 बार बादल फटने और 32 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज हुई हैं। बारिश के चलते राज्य को अब तक 1,436 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हो चुका है।

बिजली और जलापूर्ति पर भी असर

बारिश की वजह से न केवल सड़कों और घरों को नुकसान पहुंचा है, बल्कि बिजली और पानी की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 31 विद्युत ट्रांसफॉर्मर और 141 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं, जिससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

29 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने राज्य के चंबा, कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। विभाग ने 29 जुलाई को इन क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका जताई है। बीते 24 घंटों में भी कई जगह मध्यम से तेज बारिश हुई, जैसे जाटों बैराज में 33.2 मिमी, पालमपुर में 33 मिमी, मंडी में 26.4 मिमी और शिमला में 8.4 मिमी।

सतर्कता और पुनर्वास पर फोकस

प्रशासन ने कहा है कि फिलहाल राहत और बचाव कार्य पर फोकस किया जा रहा है। साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों का तकनीकी मूल्यांकन किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसे जोखिमों को कम किया जा सके। लोगों को पहाड़ी और संवेदनशील इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है।

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