नई दिल्ली: मासिक धर्म से पहले महिलाओं को जिस शारीरिक और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है, उसे ‘प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम’ (PMS) कहते हैं। यह समस्या अब सिर्फ़ व्यक्तिगत या घरेलू नहीं रह गई है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गई है। PMS से निपटने के लिए दुनिया भर में चिकित्सा विज्ञान में कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं, ताकि महिलाओं की तकलीफ़ को कम किया जा सके।
क्या है PMS?
पीएमएस या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम लक्षणों का एक समूह है जो महिलाओं में मासिक धर्म चक्र के दौरान होता है, खासकर पीरियड्स शुरू होने से पहले। ये लक्षण शारीरिक के साथ-साथ मानसिक भी हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति महिलाओं के हार्मोन में बदलाव के कारण होती है।
क्या होते हैं लक्षण?
पीएमएस के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में मूड स्विंग, थकान, चिड़चिड़ापन, स्तन में सूजन और दर्द, पेट में ऐंठन, सिरदर्द और कुछ खास खाद्य पदार्थों की लालसा शामिल हैं। कुछ महिलाओं में, यह स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि यह उनकी दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकती है।
पीएमएस से राहत पाने के कारगर उपाय
पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए इसका उपचार भी व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि, कुछ सामान्य उपचार और जीवनशैली में बदलाव के जरिए पीएमएस के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जानिए, कौन से उपाय इस समस्या से राहत दिला सकते हैं:
आहार में सुधार
- संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
- कैफीन, अधिक नमक और चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
- हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार को प्राथमिकता दें।
- विटामिन बी6, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ पीएमएस में फायदेमंद माने जाते हैं।
व्यायाम और योग
- नियमित व्यायाम जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या हल्की जॉगिंग मूड स्विंग और थकान को कम कर सकती है।
- योग, खासकर प्राणायाम और ध्यान मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन से राहत दिलाता है।
हार्मोनल थेरेपी
- कुछ मामलों में, डॉक्टर हार्मोनल संतुलन के लिए गोलियाँ या अन्य दवाएँ सुझा सकते हैं, जैसे कि मौखिक गर्भनिरोधक या प्रोजेस्टेरोन थेरेपी।
- ये दवाएँ हार्मोन के स्तर को स्थिर रखने में मदद करती हैं।
मनोवैज्ञानिक सहायता और थेरेपी
- परामर्श, बातचीत थेरेपी और तनाव प्रबंधन तकनीकें पीएमएस के मानसिक लक्षणों जैसे मूड स्विंग, अवसाद और चिंता को कम कर सकती हैं।
दर्द निवारक
- पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दवाएँ पेट दर्द, सिरदर्द और पीठ दर्द से राहत देती हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही लें।
नींद और हाइड्रेशन
- पर्याप्त नींद लें (कम से कम 7-8 घंटे)।
- दिन भर में खूब पानी पिएँ, यह शरीर में सूजन और थकान को कम करने में मदद करता है।
वैश्विक स्तर पर हो रहे हैं प्रयास
अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों में पीएमएस से राहत दिलाने वाली दवाओं और थेरेपी के क्षेत्र में नए शोध हो रहे हैं। हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करने वाली दवाएं, योग और माइंडफुलनेस मेडिटेशन जैसी तकनीकें भी कारगर मानी जा रही हैं। कुछ स्टार्टअप ने महिलाओं के मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करने वाले ऐप भी विकसित किए हैं, जो समय रहते लक्षणों की पहचान करने में मदद करते हैं।

