नई दिल्ली: भारतीय बाजारों में आसानी से मिलने वाला और स्वाद में बेहद मीठा फल चीकू न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि सेहत के लिहाज से भी किसी सुपरफूड से कम नहीं है। अधिकतर लोग इस फल को बड़े चाव से खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीकू को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
बाजार या घर में अक्सर लोग इसे ‘चीकू’ नाम से ही जानते हैं, लेकिन इसका अंग्रेजी नाम कई लोगों के लिए आज भी एक रहस्य बना हुआ है। आइए आपको न केवल इसका सही अंग्रेजी नाम बताते हैं, बल्कि इस पौष्टिक फल से जुड़ी जरूरी जानकारी भी देते हैं।
चीकू का अंग्रेजी नाम क्या है?
चीकू को अंग्रेजी में Sapodilla कहा जाता है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में इसे Naseberry या Sapota के नाम से भी जाना जाता है। यह फल मुख्यतः उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगाया जाता है और भारत, मेक्सिको, फिलीपींस जैसे देशों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है।
कैसा होता है चीकू?
चीकू एक गोल, भूरे रंग का फल होता है, जिसका छिलका पतला और आसानी से उतरने वाला होता है। इसका गूदा हल्के भूरे रंग का, दानेदार और बहुत मीठा होता है। इसके अंदर आमतौर पर काले रंग के 1 से 4 बीज पाए जाते हैं। यह फल नरम और खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इसका स्वाद बहुत पसंद आता है।
चीकू में मौजूद पोषक तत्व
- विटामिन A, B, C और E
- फाइबर
- मैग्नीशियम
- पोटैशियम
- कैल्शियम
- आयरन
- एंटीऑक्सीडेंट्स
चीकू खाने के फायदे
- पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है – चीकू में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
- इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है – इसमें मौजूद विटामिन C शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिससे सामान्य सर्दी-खांसी से लेकर अन्य संक्रमणों से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है।
- हड्डियों को मजबूत करता है – इसमें मौजूद कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव करते हैं।
- दिल के लिए फायदेमंद – पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की उपस्थिति इसे दिल के लिए लाभकारी बनाती है। यह रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक होता है।
- आंखों की रोशनी बढ़ाता है – विटामिन A आंखों की रोशनी को बढ़ाता है और उन्हें कई प्रकार के संक्रमणों व समस्याओं से बचाता है।
- एनीमिया से बचाव – चीकू में आयरन की मात्रा अच्छी होती है, जो रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में मदद करता है और एनीमिया से बचाव करता है।