मुंबई: एक प्रसिद्ध भारतीय हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह है कि यदि व्यक्ति समय-समय पर अपनी रक्त वाहिकाओं की सफाई करता रहे, तो न केवल वह लंबा जीवन जी सकता है, बल्कि उम्र बढ़ने के लक्षण भी काफी हद तक कम हो जाते हैं। भारतीय हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि “स्वस्थ रक्त प्रवाह” लंबे और सक्रिय जीवन की कुंजी है।
70 की उम्र में रिटायर, 109 की उम्र में भी फिट
भारतीय हृदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि वे 70 साल की उम्र में औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन उनका शरीर अभी भी 60 साल के व्यक्ति जितना ही स्वस्थ और सक्रिय है। उनका दावा है कि उन्होंने पिछले 39 सालों में नियमित रूप से अपनी रक्त वाहिकाओं की सफाई की है और यही कारण है कि उनका शरीर उम्र के प्रभावों को झेलने में सक्षम है।
रक्त वाहिकाएं गंदी होती हैं कैसे?
हमारे शरीर की नसों में समय के साथ कोलेस्ट्रॉल और अन्य अपशिष्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं। ये जमा पदार्थ रक्त के प्रवाह को बाधित करते हैं जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति अंगों तक कम होने लगती है। इससे न केवल रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ता है बल्कि कई अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।”
वह इसे एक ‘जंग लगे पाइप’ से तुलना करते हैं जिसमें पानी का प्रवाह रुक जाता है और दबाव बढ़ जाता है। ठीक इसी तरह जब रक्त वाहिकाएं ब्लॉक होने लगती हैं तो शरीर के अंदरूनी अंगों का कार्य प्रभावित होता है।
कौन-कौन सी बीमारियों का होता है खतरा?
- एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना)
- हृदयाघात (Heart Attack)
- उच्च रक्तचाप (High BP)
- आघात (Stroke)
- वैरिकाज वेंस और बवासीर
- घनास्त्रता (थ्रोम्बोसिस)
क्या हैं संकेत?
- लगातार सिर दर्द
- याददाश्त में कमी
- थकान महसूस होना
- नींद न आना
- सेक्स में रुचि की कमी
- दृष्टि और सुनने की कमजोरी
- हाई ब्लड प्रेशर
- सांस लेने में दिक्कत
- त्वचा का रंग पीला पड़ना
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
रक्त वाहिकाओं की सफाई जरूरी
30 वर्ष की उम्र के बाद हर 5 साल में एक बार रक्त वाहिकाओं की सफाई जरूरी है, चाहे कोई लक्षण हों या नहीं। इसके लिए स्वस्थ आहार, व्यायाम और कुछ प्राकृतिक उपायों का पालन किया जाना चाहिए।