New Delhi: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2025) कहा जाता है। यह तिथि हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी गई है क्योंकि इस दिन चार महीने के योगनिद्रा के बाद भगवान विष्णु जाग्रत होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन से शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञ और नए संस्कारों की शुरुआत की जाती है।
इस साल देवउठनी एकादशी 1 नवंबर 2025, दिन शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह से लेकर अगले दिन यानी 2 नवंबर की सुबह 7:31 बजे तक रहेगा।
देवउठनी एकादशी का महत्व
मान्यता है कि कार्तिक मास की एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर से जागते हैं और पुनः सृष्टि के कार्यों में प्रवृत्त होते हैं। इसीलिए इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से जीवन के सभी पाप नष्ट होते हैं। साथ ही भगवान शिव की आराधना भी इस दिन अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
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शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन शिवलिंग का अभिषेक और पूजा करने से न केवल आर्थिक तंगी दूर होती है बल्कि जीवन में मानसिक शांति और स्थिरता भी आती है।
देवउठनी एकादशी पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 5 चीजें
1. चावल: आर्थिक तंगी से मुक्ति
अगर आप आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे हैं, तो देवउठनी एकादशी के दिन स्नान कर शुद्ध मन से शिवलिंग पर चावल चढ़ाएं। चावल को पवित्रता और शांति का प्रतीक माना गया है। ऐसा करने से धन से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं और महादेव की कृपा से घर में समृद्धि आती है।
2. दूध और गंगाजल: मानसिक शांति का वरदान
शिवलिंग पर दूध और गंगाजल का अभिषेक करना इस दिन अत्यंत शुभ माना गया है। यह उपाय न केवल मन को शांति देता है बल्कि नकारात्मकता को भी दूर करता है। जो व्यक्ति जीवन में तनाव और बेचैनी से जूझ रहा है, उसे यह उपाय अवश्य करना चाहिए।
3. दही और शहद: सभी मुरादें होंगी पूरी
दही और शहद भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं। इन दोनों चीजों का अभिषेक करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। यह उपाय उन लोगों के लिए खास है जो किसी मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं।
4. शमी के फूल: मनचाहा वरदान पाने का उपाय
देवउठनी एकादशी के दिन शिवलिंग पर शमी के फूल अर्पित करने से विशेष फल प्राप्त होता है। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि इससे व्यक्ति को मनचाहा वरदान मिलता है, साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
5. तुलसी दल: शुभता और सौभाग्य का प्रतीक
इस दिन तुलसी दल चढ़ाना अत्यंत शुभ माना गया है। तुलसी देवी स्वयं लक्ष्मी का स्वरूप हैं और भगवान विष्णु की प्रिय हैं। जब विष्णु और शिव दोनों की पूजा एक साथ की जाती है, तो साधक के जीवन से सारे दुख समाप्त हो जाते हैं।
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देवउठनी एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ: 1 नवंबर 2025, सुबह 09:11 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 2 नवंबर 2025, सुबह 07:31 बजे
धार्मिक आस्था के अनुसार, इस दिन अगर व्यक्ति सच्चे मन से व्रत रखे, पूजा-अर्चना करे और शिवलिंग का अभिषेक करे, तो उसे जीवन में सुख-शांति, धन-वैभव और मनचाहा फल प्राप्त होता है।

