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पाकिस्तान: छिनी किसानों की रोज़ी-रोटी, बाढ़ से 20 लाख लोग प्रभावित, UN ने जारी की ये चेतावनी

पाकिस्तान इस वक्त भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। मूसलाधार बारिश ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है और कटाई के लिए तैयार फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यह केवल शुरुआत है और आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं।
Post Published By: Sapna Srivastava
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पाकिस्तान: छिनी किसानों की रोज़ी-रोटी, बाढ़ से 20 लाख लोग प्रभावित, UN ने जारी की ये चेतावनी

Islamabad: पाकिस्तान इस वक्त बाढ़ और बारिश से मची तबाही का सामना कर रहा है। देश के कई हिस्से पानी में डूब चुके हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। डॉन और एएनआई की रिपोर्टों के अनुसार बाढ़ ने न केवल घरों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि कृषि क्षेत्र को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। कटाई के लिए तैयार फसलें पानी में बह गई हैं, जिससे आने वाले दिनों में खाद्य संकट और महंगाई की समस्या और गंभीर हो सकती है।

पंजाब में सबसे ज्यादा तबाही

पाकिस्तान के पूर्वोत्तर पंजाब प्रांत, जिसे देश का अनाज का कटोरा कहा जाता है, इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां सैकड़ों गांव, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश और बाढ़ के चलते अब तक लगभग 50 लोगों की जान जा चुकी है। हजारों पशुधन बह गए हैं और किसानों की सालभर की मेहनत बर्बाद हो गई है।

लाखों लोग विस्थापित

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 20 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें से लगभग 7 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन पानी के बढ़ते स्तर ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। राहत शिविरों में भीड़ बढ़ने से स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति खराब होती जा रही है।

दक्षिण की ओर बढ़ रहा पानी

रिपोर्टों के अनुसार, बाढ़ का पानी अब सिंधु नदी की ओर बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में सिंध प्रांत में और ज्यादा विनाश देखने को मिलेगा। इससे वहां रहने वाले लाखों परिवार विस्थापित हो सकते हैं।

पाकिस्तान में बाढ़ से फसलें बर्बाद (Img: Google)

संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र के रेसिडेंट और ह्यूमैनिटेरियन कोऑर्डिनेटर मो याह्या ने प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘यह सामान्य स्थिति नहीं है, लेकिन दुर्भाग्य से यह नया सामान्य बनता जा रहा है। जलवायु परिवर्तन ने मानसून के पैटर्न को बदल दिया है और यह पूरे पाकिस्तान के लिए खतरा बन चुका है।’

उन्होंने हफीजाबाद जिले से एक वीडियो साझा किया, जिसमें धान के विशाल खेत पानी में डूबे नजर आ रहे हैं। याह्या ने चेतावनी दी कि किसानों को अब अगले सीजन तक बिना फसल और आय के कई कठिन महीने झेलने होंगे।

आने वाले दिनों में और खतरा

संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा कि यह केवल शुरुआत है। आने वाले हफ्तों में और अधिक बारिश की संभावना है, जिससे दक्षिणी पाकिस्तान में तबाही का स्तर और बढ़ सकता है। इससे हजारों परिवारों को बेघर होना पड़ेगा और स्वास्थ्य संबंधी संकट गहरा सकता है।

महंगाई और खाद्य संकट का खतरा

फसलों के नुकसान का सीधा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और आम जनता पर पड़ेगा। पहले से ही महंगाई झेल रहे पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों की कीमतें और बढ़ने की आशंका है। यह स्थिति वहां की राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट को और बिगाड़ सकती है।

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