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गोल्ड रेट में गिरावट का दौर, पितृपक्ष में सोना खरीदना शुभ या नहीं? जानिए निवेश का सही तरीका

भारतीय बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे निवेशकों में उत्साह है। जानिए किस तरह आप फिजिकल गोल्ड के अलावा डिजिटल विकल्पों में भी निवेश कर सकते हैं।
Post Published By: सौम्या सिंह
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गोल्ड रेट में गिरावट का दौर, पितृपक्ष में सोना खरीदना शुभ या नहीं? जानिए निवेश का सही तरीका

New Delhi: भारतीय सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। 24 कैरेट सोना 10 ग्राम का भाव अब ₹109409 पर पहुंच गया है, जबकि चांदी 124144 रुपये प्रति किलो पर है। ऐसे में कई लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि पितृपक्ष में सोने की खरीदारी करना उचित है या नहीं और क्या यह निवेश का सही समय है?

गिरते सोने के दाम: निवेश का अवसर या खतरा?

सोने की कीमतों में आई हालिया गिरावट ने निवेशकों और ग्राहकों दोनों का ध्यान खींचा है। 22 कैरेट सोना ₹100219 प्रति 10 ग्राम और 23 कैरेट ₹108971 पर आ गया है। इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के मुताबिक यह कीमतें टैक्स, मेकिंग चार्ज और GST के बिना की जाती हैं, यानी बाजार में अंतिम दर कुछ अधिक हो सकती है।

इस गिरावट को देखते हुए यह निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर माना जा रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जो दीर्घकालिक योजना के तहत सोना खरीदना चाहते हैं।

क्या पितृपक्ष में सोना खरीदना शुभ होता है?

हिंदू पंचांग के अनुसार पितृपक्ष एक ऐसा समय होता है जब लोग अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं। यह काल धार्मिक रूप से पूजापाठ और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए माना जाता है, न कि नई चीज़ें खरीदने के लिए। परंपरागत रूप से इस समय में नया सामान, गहने या सोना खरीदना अशुभ माना जाता है।

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हालांकि, आज के युग में कई लोग इन परंपराओं को लचीले रूप में देखते हैं और निवेश को धार्मिक मान्यताओं से अलग करते हैं। यदि आप निवेश के उद्देश्य से सोना खरीदना चाहते हैं और यह एक दीर्घकालिक प्लानिंग का हिस्सा है, तो पितृपक्ष में खरीदारी को टाला भी नहीं जा सकता।

सोने में निवेश करना क्यों सही है?

सोना सदियों से सुरक्षित निवेश का विकल्प माना जाता रहा है। चाहे आर्थिक संकट हो या बाजार में अस्थिरता, सोने की कीमतें अक्सर स्थिर रहती हैं और लंबे समय में अच्छा रिटर्न देती हैं।

सोने में निवेश के फायदे

मुद्रास्फीति से बचाव: महंगाई बढ़ने पर सोने की कीमत भी बढ़ती है, जिससे आपकी पूंजी की वैल्यू बनी रहती है।

लिक्विड एसेट: सोना कभी भी कहीं भी कैश में बदला जा सकता है।

डायवर्सिफिकेशन: निवेश पोर्टफोलियो को विविध बनाने के लिए जरूरी।

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निवेश के सही तरीके

अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो केवल फिजिकल गोल्ड (जैसे गहने) खरीदने तक सीमित न रहें। आजकल बाजार में Gold ETFs, Sovereign Gold Bonds (SGB) और Digital Gold जैसे विकल्प भी मौजूद हैं, जो अधिक सुरक्षित और टैक्स में बचत देने वाले विकल्प हैं।

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गिरती कीमतों के बीच पितृपक्ष में सोने की खरीदारी धार्मिक दृष्टिकोण से भले ही वर्जित हो, लेकिन यदि आप इसे निवेश के नजरिए से देख रहे हैं तो यह सही समय हो सकता है। सही योजना, सही माध्यम और सही उद्देश्य के साथ सोने में किया गया निवेश आपके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बना सकता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए है, यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें, डाइनामाइट न्यूज़ की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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