By Saumya Singh
Sorce: Google
सर्दियों में ज्यादा नींद आना आम समस्या है। जानिए कैसे मौसम हमारे शरीर और नींद के पैटर्न को प्रभावित करता है और कैसे रहें एक्टिव।
ठंड और अंधेरे में मेलाटोनिन हार्मोन ज्यादा बनता है, जो नींद को बढ़ाता है। सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं, जिससे शरीर को आराम का संकेत ज्यादा मिलता है।
ठंड में शरीर खुद को गर्म रखने के लिए ज्यादा ऊर्जा खर्च करता है। इसी कारण शरीर थकान महसूस करता है और अधिक नींद की मांग करता है ताकि ऊर्जा को सुरक्षित रखा जा सके।
सर्दियों में धूप कम मिलने से विटामिन D की कमी हो सकती है, जिससे आलस्य और नींद ज्यादा आती है। धूप न मिलने से शरीर की एक्टिवनेस भी कम हो जाती है।
ठंड में रक्त संचार थोड़ा धीमा हो जाता है, जिससे शरीर सुस्त महसूस करता है। इसका सीधा असर हमारी सतर्कता और जागने की क्षमता पर पड़ता है।
ठंड के मौसम में लोग कम बाहर निकलते हैं और शारीरिक गतिविधियां घट जाती हैं। कम मूवमेंट की वजह से शरीर सुस्त रहता है और नींद ज्यादा आती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी तरह से चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है।