शिव जी को बेलपत्र क्यों प्रिय हैं? जानिए इसके पीछे के धार्मिक और आध्यात्मिक कारण
By: sapna Srivastava
Img: Pinterest
त्रिदेव का प्रतीक:
बेलपत्र की तीन पत्तियाँ ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक मान
ी जाती हैं, जिससे यह शिव को अत्यंत प्रिय है।
त्रिगुणों का प्रतिनिधित्व:
यह सत्व, रज और तम इन तीन गुणों का भी प्रतिनिधित्व करता है, जो संपूर्ण सृष्टि के मूल तत्व माने जाते हैं।
विषहर गुण:
बेलपत्र में औषधीय गुण होते हैं और यह विषनाशक होता है, जो शिव के नीलकंठ स्वरूप से जुड़ता है।
शिवलिंग पर शीतलता:
बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से उसकी ऊष्मा शांत होती है, जिससे यह पूजा में विशेष माना गया है।
पवित्रता का प्रतीक:
बेल का वृक्ष अत्यंत पवित्र माना जाता है, जिस पर कभी भूत-प्रेत या नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव
नहीं होता।
व्रत-उपवास में उपयोग:
बेलपत्र को व्रत में विशेष रूप से शिव आराधना में प्रयोग किया जाता है, जिससे पुण्य प्राप्त होता है।
मनोकामना पूर्ति का माध्यम:
धार्मिक मान्यता है कि शिव को बेलपत्र अर्पण करने से भक्तों की मनोकामनाएँ शीघ्र पूरी होती हैं।
शास्त्रों में उल्लेख:
स्कंद पुराण और शिव पुराण जैसे ग्रंथों में बेलपत्र को शिव पूजा के लिए आवश्यक बताया गया है।
रोगों से मुक्ति:
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति मिलती है।
आध्यात्मिक ऊर्जा का वाहक:
यह पत्र सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है और ध्यान व साधना में सहायक होत
ा है।
जितिया व्रत 2025 में कब है? जानिए तिथि, महत्व और पूजा का सही समय