शिव जी को बेलपत्र क्यों प्रिय हैं? जानिए इसके पीछे के धार्मिक और आध्यात्मिक कारण

By: sapna Srivastava

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त्रिदेव का प्रतीक:  बेलपत्र की तीन पत्तियाँ ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक मानी जाती हैं, जिससे यह शिव को अत्यंत प्रिय है।

त्रिगुणों का प्रतिनिधित्व: यह सत्व, रज और तम इन तीन गुणों का भी प्रतिनिधित्व करता है, जो संपूर्ण सृष्टि के मूल तत्व माने जाते हैं।

विषहर गुण: बेलपत्र में औषधीय गुण होते हैं और यह विषनाशक होता है, जो शिव के नीलकंठ स्वरूप से जुड़ता है।

शिवलिंग पर शीतलता: बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से उसकी ऊष्मा शांत होती है, जिससे यह पूजा में विशेष माना गया है।

पवित्रता का प्रतीक: बेल का वृक्ष अत्यंत पवित्र माना जाता है, जिस पर कभी भूत-प्रेत या नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं होता।

व्रत-उपवास में उपयोग: बेलपत्र को व्रत में विशेष रूप से शिव आराधना में प्रयोग किया जाता है, जिससे पुण्य प्राप्त होता है।

मनोकामना पूर्ति का माध्यम: धार्मिक मान्यता है कि शिव को बेलपत्र अर्पण करने से भक्तों की मनोकामनाएँ शीघ्र पूरी होती हैं।

शास्त्रों में उल्लेख: स्कंद पुराण और शिव पुराण जैसे ग्रंथों में बेलपत्र को शिव पूजा के लिए आवश्यक बताया गया है।

रोगों से मुक्ति: शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति मिलती है।

आध्यात्मिक ऊर्जा का वाहक: यह पत्र सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है और ध्यान व साधना में सहायक होता है।