By: Saumya Singh
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भारत के कई राज्यों में जहरीले कफ सिरप के कारण बच्चों की मौतों से हड़कंप मच गया है। जांच में सामने आया है कि कुछ निर्माताओं ने सस्ते के लालच में दवा में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मिलाया, जो इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
DEG (डायएथिलीन ग्लाइकॉल) एक औद्योगिक सॉल्वेंट है जो पेंट, एंटीफ्रीज़ और ब्रेक फ्लूइड में इस्तेमाल होता है।
सिरप में DEG की मिलावट सस्ता विकल्प होने की वजह से की जाती है, जबकि इसकी जगह प्रोपाइलीन ग्लाइकॉल जैसे सुरक्षित सॉल्वेंट का इस्तेमाल होना चाहिए।
छिंदवाड़ा और बैतूल (मध्य प्रदेश) में 16 और राजस्थान में 4 बच्चों की मौत कफ सिरप से जुड़ी बताई जा रही है।
DEG शरीर में जाकर किडनी और लिवर को बुरी तरह नुकसान पहुंचाता है, जिससे फेलियर और मौत हो सकती है।
लक्षणों में उल्टी, दस्त, पेशाब रुकना, सांस में दिक्कत, भ्रम और बेहोशी शामिल हैं।
माता-पिता को बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप न देने और घरेलू उपायों पर भरोसा करने की सलाह दी जा रही है।