कलाई में बंधे कलावे को कितने दिनों बाद उतारना चाहिए? जानिए 10 महत्वपूर्ण बातें

By: Sapna Srivastava

23 July 2025

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कलावा हिंदू धर्म में रक्षा का प्रतीक माना जाता है और यह पूजा-पाठ के समय कलाई में बांधा जाता है।

इसे मौली, रक्षा सूत्र या धर्म धागा भी कहा जाता है।

कलावा बांधने के पीछे धार्मिक मान्यता होती है कि यह बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है।

इसे आमतौर पर पूजा के समय ब्राह्मण या परिवार के बड़े सदस्य द्वारा बांधा जाता है।

कलावे को 15 दिन, 21 दिन या 40 दिन तक कलाई में बांधकर रखा जा सकता है, परंतु यह धार्मिक नियमों पर निर्भर करता है।

यदि कलावा खुद से टूट जाए या गंदा हो जाए, तो उसे सावधानी से उतार देना चाहिए।

कलावे को उतारने के बाद उसे किसी बहते जल में प्रवाहित करना या पीपल के पेड़ की जड़ में रख देना चाहिए।

कलावा काटकर नहीं फेंकना चाहिए, यह धार्मिक रूप से अशुभ माना जाता है।

कई लोग इसे तब तक पहनते हैं जब तक यह खुद न टूट जाए, यह भी एक सामान्य परंपरा है।

कुल मिलाकर, कलावा श्रद्धा, आस्था और रक्षा का प्रतीक है और इसका सम्मानपूर्वक उपयोग करना चाहिए।

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