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नोएडा एयरपोर्ट के 20 किमी दायरे में नहीं लग सकते पेड़, घर बनाने पर भी रोक, जानिए क्यों

जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम तेजी से चल रहा है। बहुत जल्द यहां पर विमान लैंडिंग और टैकऑन करेंगे। इसके लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है।
Post Published By: Mayank Tawer
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नोएडा एयरपोर्ट के 20 किमी दायरे में नहीं लग सकते पेड़, घर बनाने पर भी रोक, जानिए क्यों

Greater Noida News: देश के सबसे बड़े हवाईअड्डे “जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट” (Jewar International Airport) को लेकर एक अहम फैसला लिया गया है। अब एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे में किसी भी तरह का निर्माण कार्य या पेड़ लगाने के लिए NOC लेना अनिवार्य होगा। यह कदम विमानों की सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई “एयरपोर्ट पर्यावरणीय समिति” की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में एयरपोर्ट से जुड़े सुरक्षा, पर्यावरण और निर्माण मानकों की समीक्षा की गई।

बिना NOC निर्माण कार्य पर रोक

एयरपोर्ट के 10 किलोमीटर के भीतर अब तक बिना अनुमति किए गए निर्माणों को ध्वस्त किया जाएगा। वहीं, 20 किलोमीटर की परिधि में यदि कोई नया निर्माण, मकान निर्माण, फैक्ट्री स्थापना या यहां तक कि पेड़-पौधे लगाने की योजना भी बनाई जाती है तो उसके लिए पहले से “नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट” (NOC) लेना अनिवार्य होगा।

इसलिए लिया गया फैसला

यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) की मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) किरण जैन ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए बताया कि यह फैसला एयरपोर्ट के आसपास की हवाई परिस्थितियों को सुरक्षित रखने के लिए लिया गया है। किसी भी प्रकार का अवैज्ञानिक निर्माण या ऊंचा ढांचा हवाई सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। बैठक में यह भी कहा गया कि निर्माण के दौरान न सिर्फ ऊंचाई का ध्यान रखा जाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई गतिविधि पक्षियों को आकर्षित न करे, क्योंकि यह विमान के उड़ान में बाधा बन सकती है। पर्यावरणीय समिति ने यह साफ कर दिया है कि भविष्य में किसी भी निर्माण परियोजना को तब तक मंजूरी नहीं दी जाएगी जब तक वह हवाई सुरक्षा मानकों पर खरा न उतरे।

क्यों जरूरी है यह कदम?

जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण अगले वर्ष चालू हो सकता है। हर दिन दर्जनों विमानों की उड़ान और लैंडिंग होगी। बिना नियंत्रण के आसपास की गतिविधियां विमान संचालन में बाधा बन सकती हैं। विशेषकर ऊंचे निर्माण, मोबाइल टावर, ऊंचे पेड़ या पक्षी आकर्षित करने वाली गतिविधियां गंभीर जोखिम पैदा कर सकती हैं।

स्थानीय लोगों और बिल्डर्स को चेतावनी

प्रशासन ने साफ किया है कि यदि बिना NOC के कोई निर्माण पाया गया, तो उसे बिना किसी नोटिस के गिरा दिया जाएगा। साथ ही, संबंधित व्यक्ति या संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। यह निर्देश खासतौर पर उन बिल्डरों, ग्रामीणों और औद्योगिक संस्थाओं के लिए है जो जेवर, रोहटा, रबूपुरा, टप्पल और आसपास के इलाकों में निर्माण कार्य करने की योजना बना रहे हैं। भविष्य में जिला प्रशासन द्वारा सैटेलाइट मैपिंग और ड्रोन सर्विलांस की मदद से 20 किलोमीटर के दायरे की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। इसके लिए एक अलग “एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर कंट्रोल सेल” भी गठित किए जाने की संभावना है, जो इस क्षेत्र में हो रहे सभी निर्माणों की निगरानी करेगा।

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