Prayagraj: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती के अवसर पर इलाहाबाद संग्रहालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने शहरवासियों के दिलों में देशभक्ति की भावना फिर से जगा दी। कार्यक्रम में चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई, साथ ही संग्रहालय में संरक्षित उनकी ऐतिहासिक पिस्तौल ‘बमतुल बुखारा’ का अनावरण भी किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इस विशेष आयोजन में प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने उपस्थित रहकर आज़ाद की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके योगदान को नमन किया। उन्होंने कहा, “चंद्रशेखर आज़ाद सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि आज़ादी की उस लौ का नाम है, जिसने युवाओं के दिलों में अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी भरी। उनकी यादें प्रयागराज के कण-कण में बसी हैं, विशेषकर ‘आजाद उद्यान’ में जहां उन्होंने अंतिम बार क्रांति की राह चुनी थी।”
कार्यक्रम की खास बात रही ‘बमतुल बुखारा’ पिस्तौल का प्रदर्शन, जिसे आज़ाद ने ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध लड़ते हुए इस्तेमाल किया था। इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद ने इस पिस्तौल को “वीरता और बलिदान की निशानी” बताते हुए कहा कि यह संग्रहालय की एक अमूल्य धरोहर है, जो आने वाली पीढ़ियों को चंद्रशेखर आज़ाद की क्रांतिकारी विरासत से परिचित कराएगी।
कार्यक्रम में सैकड़ों नागरिक, छात्र, इतिहास प्रेमी, स्वतंत्रता संग्राम के शोधकर्ता एवं पत्रकार शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में चंद्रशेखर आज़ाद को नमन किया और उनके बलिदान को याद किया। इलाहाबाद संग्रहालय के अधिकारी और कर्मचारी भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. संजू मिश्रा, सहायक संग्रहाध्यक्ष द्वारा किया गया और संयोजन का कार्य डॉ. सुशील शुक्ल ने बखूबी संभाला।
संग्रहालय प्रशासन की ओर से यह भी बताया गया कि आने वाले महीनों में चंद्रशेखर आज़ाद से जुड़ी और ऐतिहासिक सामग्रियों को प्रदर्शित करने की योजना है ताकि देश के युवा स्वतंत्रता संग्राम की मूल भावना से जुड़ सकें। यह आयोजन न केवल चंद्रशेखर आज़ाद की वीरता को सम्मान देने का माध्यम बना, बल्कि प्रयागराज की ऐतिहासिक पहचान को और मजबूती देने वाला एक प्रेरणादायक प्रयास भी साबित हुआ।