Greater Noida: दिल्ली-एनसीआर के लाखों यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब ट्रेन पकड़ने के लिए आनंद विहार या गाजियाबाद नहीं जाना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित बोड़ाकी में दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन बनने जा रहा है। इस स्टेशन को इंटरनेशनल लेवल पर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयासों से इस महत्वाकांक्षी परियोजना की तैयारियाँ जोरों पर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल हाल ही में बोड़ाकी पहुंचकर साइट का निरीक्षण कर चुका है और इंजीनियरिंग स्तर पर डिटेल प्लानिंग शुरू हो गई है।
क्या होगी खासियतें?
- बोड़ाकी रेलवे स्टेशन पर 13 रेलवे प्लेटफॉर्म और 98 रेलवे लाइनों की योजना बनाई गई है।
- भविष्य की जरूरतों को देखते हुए प्लेटफॉर्म और लाइनों की संख्या को और भी बढ़ाया जा सकता है।
- अभी तक रेलवे को 137 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है, और अधिक भूमि के लिए प्रस्ताव प्राधिकरण के समक्ष रखा गया है।
- यह स्टेशन 70 से ज्यादा ट्रेनों का ठहराव और संचालन संभाल सकेगा।
आनंद विहार के विकल्प के रूप में तैयार
दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर लगातार बढ़ते यात्रियों के दबाव को कम करने के लिए ग्रेटर नोएडा में बोड़ाकी स्टेशन को नया विकल्प बनाने की योजना है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दादरी, जेवर और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र के लोगों को अब लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब की योजना
इस स्टेशन को केवल एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में तैयार किया जा रहा है। इसमें एक ही परिसर में रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और मेट्रो स्टेशन की सुविधा होगी। इससे यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने में आसानी होगी।
यह परियोजना दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) का हिस्सा है, जिसे विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) DMICDC और GNIDA द्वारा संचालित किया जा रहा है। बोड़ाकी स्टेशन को इंटरनेशनल एयरपोर्ट, एक्सप्रेसवे और औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ने का काम भी योजना में शामिल है।
यात्रियों को क्या फायदा होगा?
- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों के यात्रियों को लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।
- भारी यातायात और समय की बचत होगी।
- बेहतर सुविधाओं और इंटरनेशनल स्तर की संरचना के चलते यात्रा अधिक सुविधाजनक और आरामदायक होगी।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद बोड़ाकी स्टेशन उत्तर भारत के सबसे हाईटेक रेलवे स्टेशनों में से एक होगा। इससे न केवल दिल्ली का लोड कम होगा बल्कि नोएडा को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से सीधे जुड़ने का मौका मिलेगा।