Lucknow: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) अभियान के तहत मतदाता सूची अद्यतन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस अभियान का उद्देश्य उन पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना है जो अब तक पंजीकृत नहीं हो पाए थे या बूथ स्तर अधिकारियों (BLOs) की सर्वे प्रक्रिया में छूट गए थे।
यह विशेष अभियान उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल सहित कुल 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू किया गया है। निर्वाचन आयोग ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराई है, जिससे योग्य मतदाता अपने घर बैठे पंजीकरण या संशोधन कर सकते हैं।
आवेदन की पूरी प्रक्रिया
मतदाता अपने आवेदन भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट (https://eci.gov.in) या मतदाता सेवा पोर्टल (https://voters.eci.gov.in) पर जाकर कर सकते हैं। राज्यवार पोर्टल जैसे पश्चिम बंगाल के लिए https://ceowestbengal.wb.gov.in पर भी फॉर्म उपलब्ध है।
फॉर्म भरने की प्रक्रिया में सबसे पहले EPIC नंबर (मतदाता पहचान संख्या) दर्ज करनी होती है। अगर आवेदक पहले से पंजीकृत हैं, तो उनकी जानकारी स्वतः प्रदर्शित हो जाती है। नए मतदाताओं के लिए नया फॉर्म भरने का विकल्प दिया गया है।
आवेदक को अपना नाम, पता, आयु, लिंग और फोटो जैसी जानकारी अपडेट करनी होती है। साथ ही आवश्यक दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट या पता प्रमाण अपलोड किए जा सकते हैं।सभी जानकारी भरने के बाद फॉर्म को ई-साइन (E-Sign) कर सबमिट किया जाता है, जिसके बाद एक Acknowledgment Slip और Reference Number प्राप्त होता है। इससे आवेदन की स्थिति को बाद में ट्रैक किया जा सकता है।
सत्यापन और फाइनल लिस्ट की प्रक्रिया
ऑनलाइन फॉर्म जमा होने के बाद BLO या निर्वाचन अधिकारी आवश्यकतानुसार आवेदक से संपर्क कर सकते हैं, विशेष रूप से नए पंजीकरण या क्षेत्र परिवर्तन की स्थिति में। फेज-2 के तहत घर-घर सत्यापन 4 नवंबर 2025 से प्रारंभ हो चुका है। ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 दिसंबर 2025 को जारी होगी, जबकि अंतिम सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
बिहार चुनाव में हाई वोटिंग, क्या RJD फिर सत्ता में लौटेगा? ओपी राजभर का नया बयान
डिजिटल पहल से बढ़ेगी पारदर्शिता
यह डिजिटल पहल मतदाता सूची को अधिक सटीक, अद्यतन और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। निर्वाचन आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि आगामी चुनावों में कोई भी पात्र मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रहे।

