जाने.. डायबिटीज के कारण और बचाव के जरूरी उपाय

डीएन ब्यूरो

दुनिाभर में आज (14 नवंबर) विश्व मधुमेह दिवस (वर्ल्‍ड डायबिटीज डे) मनाया जाता है। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं डायबिटीज के रोकथाम और इससे बचाव के कुछ जरूरी उपाय..

फाइल फोटो
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नई दिल्ली: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मधुमेह (डायबिटीज) बहुत तेज़ी से लोगों को अपने जाल में फंसा रहा है। रिपोर्टें के मुताबिक दुनियां में हर वर्ष लाखों लोग मधुमेह से ग्रस्त होते है। संसाधनों के होने के बावजूद भी कई लोगों को इससो बचाव के बारे में जानकारी नहीं है। 

आज 14 नवंबर यानि विश्व मधुमेह दिवस (वर्ल्‍ड डायबिटीज डे) है। आज के दिन विश्व के 160 से भी ज़्यादा देशों में डायबिटीज की रोकथाम के लिये लोगों को जागरूक किया जाता है। विश्व मधुमेह दिवस 14 नवंबर 1991 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑरगानाइज़ेशन) द्वारा स्थापित किया गया। विश्व में हर जगह अस्पतालों, संस्थानों व कॉलेजों में इस मौके पर लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक किया जाता है।

 

आखिर कैसे होता है यह मधुमेह? 

मधुमेह बहुत ही गंभीर बीमारी है। सामान्य शब्दों में शरीर में इन्सुलिन का बनना बंद हो जाये या शरीर में इन्सुलिन का प्रभाव कम हो जाये तो मधुमेह होता है। इन दोनों ही परिस्थितियों में शरीर में ग्लूसकोज की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि समय रहते इसका ध्यान नहीं रखा गया तो यह बहुत खतरनाक बीमारी रूप में सामने आती है। यह बीमारी हार्ट अटैक, स्‍ट्रोक्‍स, लकवा, इन्‍फेक्‍शन और किडनी फेल को जन्म दे सकती है। 

 

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मधुमेह (डायबिटीज) के प्रकार 

मधुमेह दो तरह के होते है। टाइप 1 डायबिटीज और  टाइप 2 डायबिटीज। 

टाइप 1 डायबिटीज

टाइप 1 डायबिटीज बचपन में या किशोर अवस्‍था में अचानक इन्‍सुलिन के उत्‍पादन की कमी होने से होने वाली बीमारी है। इसमें इन्‍सुलिन हॉर्मोन बनना पूरी तरह बंद हो जाता है। ऐसा किसी एंटीबॉडीज की वजह से बीटा सेल्‍स के पूरी तरह काम बंद करने से होता है। ऐसे में शरीर में ग्‍लूकोज की बढ़ी हुई मात्रा को कंट्रोल करने के लिए इन्‍सुलिन के इंजेक्‍शन की जरूरत होती है। इसके मरीज काफी कम होते हैं।

टाइप 2 डायबिटीज

टाइप 2 डायबिटीज आमतौर पर 30 साल की उम्र के बाद धीरे-धीरे बढ़ने बाली बीमारी है। इससे प्रभावित ज्‍यादातर लोगों का वजन सामान्‍य से ज्‍यादा होता है या उन्‍हें पेट के मोटापे की समस्‍या होती है। यह कई बार आनुवांशिक होता है, तो कई मामलों में खराब जीवनशैली से संबंधित होता है। इसमें इन्‍सुलिन कम मात्रा में बनता है या पेंक्रियाज सही से काम नहीं कर रहा होता है। डायबिटीज के 90 फीसदी मरीज इसी कैटेगिरी में आते हैं। एक्‍सरसाइज, बैलेंस्‍ड डाइट और दवाइयों से इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है।

 

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क्या खाएं डायबिटीज रोगी

डायबिटीज से ग्रस्‍त रोगियों के लिए सलाद के साथ ही सब्जि़यों में मेथी, पालक, करेला, बथुआ, सरसों का साग, सोया का साग, सीताफल, ककड़ी, तोरई, टिंडा, शिमला मिर्च, भिंडी, सेम, शलजम, खीरा, ग्‍वार की फली, चने का साग और गाजर आदि का सेवन अच्‍छा रहता है। इसके अलावा उन्‍हें फाइबर व ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्‍त आहार का भी ज्‍यादा से ज्‍यादा सेवन करना चाहिए। यदि आप नॉनवेज खाना पसंद करते हैं तो तंदूरी या उबले मुर्गे का मीट और मछली को उबालकर या भूनकर खा सकते हैं। एक-दो अंडे भी आप खा सकते हैं।

इन सभी चीज़ों का नियमित पालन करें

•    नियमित शुगर स्‍तर की जांच कराएं।
•    किसी भी तरह के घाव को खुला ना छोड़ें।
•    फलों का रस लेने के बजाय, फल खायें।
•    व्यायाम करें और अपना वजन नियंत्रित रखें।
•    योग भी डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्‍छा है।

इन सभी चीज़ों के साथ कुछ देर हमेशा व्यायाम भी करेंगे तो अच्छे परिणाम भी पाएंगें, व्यायाम करने से आपको बेहतर सुधार महसूस होंगे।










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