Uttar Pradesh: बलिया में फर्जी शिक्षकों को सात साल कैद, दोस्त के साथ मिलकर बनाया था प्रमाण पत्र

डीएन ब्यूरो

बलिया की एक स्थानीय अदालत ने सरकारी प्राथमिक विद्यालय में धोखाधड़ी के जरिये नौकरी पाने वाले दो फर्जी शिक्षकों को सोमवार को जालसाजी का दोषी करार देते हुए सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

फर्जी शिक्षकों को सात साल कैद
फर्जी शिक्षकों को सात साल कैद


बलिया: बलिया की एक स्थानीय अदालत ने सरकारी प्राथमिक विद्यालय में धोखाधड़ी के जरिये नौकरी पाने वाले दो फर्जी शिक्षकों को सोमवार को जालसाजी का दोषी करार देते हुए सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को बताया कि अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम) तपस्या त्रिपाठी की अदालत ने  मामले की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलील सुनीं। इसके बाद उन्होंने आरोपी ज्ञान प्रकाश यादव और राजू यादव को दोषी करार देते हुए उन्हें सात-सात साल की कैद और तीस-तीस हजार रुपये के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है।

यह भी पढ़ें | बलिया में पांच सगे भाइयों को 10-10 और उनकी मां समेत तीन आरोपियों को सात-सात साल की कैद

बलिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस आनंद ने बताया कि जिले की रसड़ा कोतवाली में उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की, गोरखपुर इकाई के निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह की तहरीर पर 12 अक्टूबर 2022 को जिले के गड़वार थाना क्षेत्र के मठमैनी गांव के ज्ञान प्रकाश यादव व रतसड़ गांव के राजू यादव के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया। यह मुकदमा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा छल), 420 (धोखाधड़ी), 467 और 468 (दस्‍तावेजों में हेराफेरी) तथा 471 (इलेक्‍ट्रानिक दस्‍तावेजों में हेराफेरी) के तहत दर्ज किया गया था।

उन्होंने बताया कि तहरीर में आरोप लगाया गया कि ज्ञान प्रकाश सरकारी प्राथमिक विद्यालय, कुरेम, रसड़ा में वर्ष 2011 से जय प्रकाश यादव के नाम व शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रहा है। एसटीएफ ने ज्ञान प्रकाश को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि उसने और राजू यादव ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किये हैं।

यह भी पढ़ें | करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोपी युवक पुणे से गिरफ्तार

आनंद ने बताया कि आरोप के अनुसार, राजू यादव भी मऊ जिले के मधुबन क्षेत्र के फतेहपुर में सरकारी प्राथमिक विद्यालय में राजा राम यादव के नाम और शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रहा था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।

अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सोमवार को आरोपियों को दोषी करार देते हुए सात-सात वर्ष की सजा सुनाई।










संबंधित समाचार