हाई कोर्ट ने मैसूर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में इस प्रोफेस की नियुक्ति को रोका, जानिये क्या है वजह

डीएन ब्यूरो

कर्नाटक उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मैसूर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में प्रोफेसर लोकनाथ एनके की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कर्नाटक उच्च न्यायालय
कर्नाटक उच्च न्यायालय


बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मैसूर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में प्रोफेसर लोकनाथ एनके की नियुक्ति पर रोक लगा दी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार हैदराबाद विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ फिजिक्स के प्रोफेसर शरत अनंतमूर्ति ने इस नियुक्ति को चुनौती दी है और आरोप लगाया है कि यह नियमों का उल्लंघन है।

दावा किया गया है कि प्रोफेसर लोकनाथ पर आपराधिक आरोप हैं और वह इस पद के लिए योग्य नहीं है। अदालत ने बुधवार को अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया और सुनवाई स्थगित कर दी।

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याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी (प्रोफेसर लोकनाथ) कुलपति पद के लिए विचार किए जाने योग्य पात्र उम्मीदवार नहीं हैं।

याचिका में आरोप लगाया गया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नियमावली के खंड 7.3.0 के उलट उनके नाम की सिफारिश की गई।

प्रोफेसर शरत ने 18 नवंबर, 2022 को कुलपति के पद के लिए अपना आवेदन किया था।

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अन्य आवेदक प्रोफेसर एच राजशेखर ने मुख्य सूची में उनके नाम के खिलाफ की गई टिप्पणी को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।

प्रोफेसर शरत ने कहा कि वह इस पद के लिए योग्य हैं लेकिन उनके नाम पर विचार नहीं किया गया।










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