तमिलनाडु पालिटिक्स: ‘पांडवों’ और ‘कौरवों’ के बीच लड़ाई में पांडवों की जीत हुई
उच्चतम न्यायालय द्वारा के. पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक का अंतरिम महासचिव बने रहने की अनुमति दिए जाने के तुरंत बाद बृहस्पतिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में जश्न मनाया गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
चेन्नई: उच्चतम न्यायालय द्वारा के. पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक का अंतरिम महासचिव बने रहने की अनुमति दिए जाने के तुरंत बाद बृहस्पतिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में जश्न मनाया गया।
अन्नाद्रमुक की 11 जुलाई 2022 को आम परिषद की बैठक में पलानीस्वामी को नेता चुना गया था जबकि उनके विरोधी ओ. पनीरसेल्वम तथा कुछ सहायकों को निष्कासित कर दिया गया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सेलम के प्रभावशाली नेता पलानीस्वामी के समर्थकों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया।
अन्नाद्रमुक के मुख्यालय एमजीआर मालीगई में पुलिस बल की मौजूदगी के बीच पलानीस्वामी के समर्थकों ने पटाखे जलाए और पार्टी के अंतरिम महासचिव की तस्वीर पर दूध चढ़ाया।
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अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने महाभारत के संदर्भ में कहा कि ‘पांडवों’ और ‘कौरवों’ के बीच लड़ाई में पांडवों की जीत हुई।
उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक भी बताया।
पनीरसेल्वम के राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर जयकुमार ने ‘शून्य’ का इशारा किया।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मद्रास उच्च न्यायालय का वह आदेश बरकरार रखा जिसमें ई. पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक का अंतरिम महासचिव बने रहने की अनुमति दी गयी थी।
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न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने 12 जनवरी को मामले पर आदेश सुरक्षित रखा था।
शीर्ष न्यायालय ने ओ. पनीरसेल्वम द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया।
यह फैसला अन्नाद्रमुक की 11 जनवरी 2022 को आम परिषद की बैठक के दौरान पार्टी के उपनियमों में किए गए संशोधन से जुड़ी याचिकाओं पर आया।