Lakhimpur Kheeri Violence : सत्र न्यायाधीश ने न्यायालय से कहा, सामान्य तौर पर सुनवाई पूरी करने में पांच साल लग सकते हैं

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई कर रहे सत्र न्यायाधीश ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि सामान्य तौर पर मुकदमे की सुनवाई पूरी करने में लगभग पांच साल लग सकते हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 11 January 2023, 1:03 PM IST
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नयी दिल्ली:  लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई कर रहे सत्र न्यायाधीश ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि सामान्य तौर पर मुकदमे की सुनवाई पूरी करने में लगभग पांच साल लग सकते हैं।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा भी एक आरोपी है।

शीर्ष अदालत को भेजे पत्र में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा है कि मामले में अभियोजन पक्ष के 208 गवाह, 171 दस्तावेज और फॉरेसिंक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की 27 रिपोर्ट हैं।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा, “वह (सत्र न्यायाधीश) कह रहे हैं कि सामान्य परिस्थितियों में पांच साल लग सकते हैं।”

सर्वोच्च अदालत ने पिछले महीने सत्र अदालत से पूछा था कि उस अदालत में अन्य लंबित या प्राथमिकता वाले मुकदमों की समय-सारणी से समझौता किए बिना लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई पूरी करने में सामान्य तौर पर कितना समय लगने की संभावना है।

पीठ अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को एसयूवी से कुचलने के मामले में आशीष मिश्रा की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है।

सुनवाई के दौरान पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता से इस बात की पुष्टि करने को कहा कि क्या घटना में कथित रूप से किसानों को रौंदने वाली एसयूवी में सवार तीन लोगों की हत्या के मामले में दर्ज एक अलग मुकदमे में नामजद चार आरोपी अभी भी हिरासत में हैं।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 जनवरी की तारीख मुकर्रर की।

तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उस समय हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जब किसान क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे।

उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के मुताबिक, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा भी सवार था। घटना से आक्रोशित किसानों ने कथित तौर पर एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी। हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था।

पिछले साल छह दिसंबर को निचली अदालत ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के मामले में मिश्रा और 12 अन्य के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों में आरोप तय किए थे, जिससे सुनवाई की शुरुआत का रास्ता साफ हो गया था।

मामले के अन्य आरोपियों में अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, सत्यम उर्फ ​​सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडेय, लवकुश राणा, शिशु पाल, उल्लास कुमार उर्फ ​​मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा और धर्मेंद्र बंजारा शामिल हैं। सभी आरोपी फिलहाल जेल में हैं।

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