Rajasthan: गहलोत सरकार के खिलाफ कल भाजपा नेताओं का प्रदर्शन, करेंगे सचिवालय का घेराव, जानिये क्या हैं मामला
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले सरकार के तहत कथित भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, चरमराती कानून व्यवस्था और बेरोजगारी के विरोध में मंगलवार को राज्य सचिवालय के घेराव की घोषणा की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले सरकार के तहत कथित भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, चरमराती कानून व्यवस्था और बेरोजगारी के विरोध में मंगलवार को राज्य सचिवालय के घेराव की घोषणा की।
यह प्रदर्शन नवंबर-दिसंबर में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ अभियान का हिस्सा है। राज्य में कांग्रेस की सरकार है।
राजस्थान भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, सुखबीर सिंह जौनपुरिया और भागीरथ चौधरी ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के साथ राज्य सरकार पर निशाना साधा।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्टी के राजस्थान मामलों के प्रभारी अरुण सिंह ने आरोप लगाया कि राजस्थान में हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराध बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 28 जुलाई को 24 घंटे के भीतर ऐसी 21 घटनाएं हुईं और आरोप लगाया कि रोजाना बलात्कार के 17-18 मामले सामने आ रहे हैं।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा जैसे कांग्रेस नेता महिलाओं के मुद्दों पर इतना शोर मचाते हैं, लेकिन राज्य में अत्याचार के पीड़ितों से नहीं मिलते है। उन्होंने कहा कि राजस्थान महिलाओं के खिलाफ अपराधों में देश में नंबर एक राज्य है।
मीणा ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा ‘जल जीवन मिशन’ के लिए राज्य को 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी द्वारा इस मुद्दे को उजागर करने के बाद 'फर्जी' कंपनियों से जुड़ी कई निविदाएं और आदेश रद्द कर दिए गए हैं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवार के सदस्यों को वादा तो किया गया, लेकिन आज तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया।
मीणा ने दावा किया कि राहुल गांधी ने राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ और अब 20,000 से अधिक किसानों को उनके बकाया कर्ज के कारण उनकी संपत्ति कुर्क करने के लिए नोटिस भेजे गए हैं।
मीणा, चौधरी और जौनपुरिया ने भर्ती परीक्षा से संबंधित पेपर लीक के मामलों को लेकर भी राज्य सरकार पर निशाना साधा।