Money Laundering : ईडी ने विधायक समेत अन्य लोगों के परिसरों पर की छापेमारी, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नियंत्रित करुवन्नूर सहकारी बैंक में कथित 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत मंगलवार को माकपा विधायक ए. सी. मोईदीन और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

माकपा विधायक मोईदीन एवं अन्य के परिसरों पर छापा मारा
माकपा विधायक मोईदीन एवं अन्य के परिसरों पर छापा मारा


तिरुवनंतपुरम:  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नियंत्रित करुवन्नूर सहकारी बैंक में कथित 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत मंगलवार को माकपा विधायक ए. सी. मोईदीन और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की।

उन्होंने कहा कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के मुताबिक की जा रही कार्रवाई के तहत संघीय एजेंसी राज्य में लगभग आधा दर्जन परिसरों पर छापेमारी कर रही है।

इस मामले में पिछले साल अगस्त में भी ईडी ने छापेमारी की थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सूत्रों ने कहा कि पूर्व स्थानीय स्वशासन, उद्योग एवं सहकारिता मंत्री मोईदीन के त्रिशूर जिला में वडक्कानचेरी स्थित आवास और उनसे जुड़े लोगों के परिसरों की ‘‘बेनामी’’ संपत्ति का विवरण एवं सबूत जुटाने के लिए यह छापेमारी की जा रही है।

ईडी की टीम के साथ केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के कर्मी भी मौजूद हैं।

माईदीन (67) माकपा के एक वरिष्ठ नेता हैं और वह राज्य विधानसभा में कुन्नम्कुलम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। कथित धोखाधड़ी के इस मामले की शुरुआत 2010 में हुई थी जिससे त्रिशूर स्थित माकपा नियंत्रित इस बैंक को लेकर एक साल पहले केरल में राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था।

ईडी की शुरुआती जांच में पाया गया कि ‘‘बैंक को चलाने वाले माकपा के जिला स्तर के नेता एवं समिति के सदस्यों के निर्देश पर गरीब सदस्यों की संपत्ति को उनकी जानकारी के बिना गिरवी रखकर गैर-सदस्य को कथित रूप से बेनामी लेनदेन के रूप में ‘‘नकद में’’ ऋण वितरित किया गया और अभियुक्तों को मिले इस धन का शोधन किया गया’’।

एजेंसी को संदेह है कि ऐसे कई ‘‘बेनामी’’ ऋण कथित तौर पर मोईदीन के निर्देश पर बांटे गए थे।

धन शोधन के इस मामले में त्रिशूर में केरल पुलिस (अपराध शाखा) ने 16 प्राथमिकी दर्ज की है।

ईडी ने पिछले साल अगस्त में छह स्थानों पर इसी तरह की छापेमारी की थी, जिसमें त्रिशूर के इरिंजलाकुडा में स्थित बैंक की एक शाखा भी शामिल थी और इसने बैंक के एक कमीशन एजेंट बिजॉय ए. के. की 30.70 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।

ईडी ने पिछले साल आरोप लगाया था, ‘‘वर्ष 2010 से बैंक के सचिव और समिति के सदस्यों द्वारा रची गई सुनियोजित साजिश के कारण बिजॉय ए़ के. को अवैध रूप से 26.60 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत और वितरित किया गया था।’’

एजेंसी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘बैंक ने समिति के सदस्यों की जानकारी के बिना एक ही संपत्ति पर कई फर्जी ऋण स्वीकृत किए थे।’’

एजेंसी ने कहा, ‘‘ऋण राशि नकद में वितरित की गई और बैंक के बहीखाते में भी भारी नकदी जमा पाई गई।’’

करुवन्नूर सेवा सहकारी बैंक भी तिरुवनंतपुरम में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार की जांच के दायरे में था।

ईडी ने कहा था कि जुलाई 2021 में केरल पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद रजिस्ट्रार ने अपने ऑडिट में 100 करोड़ रुपये से अधिक की ‘‘हेराफेरी’’ पाई।

केरल सरकार ने अगस्त 2021 में बैंक में इस धोखाधड़ी का पता लगाने में कथित चूक के लिए 16 अधिकारियों को निलंबित किया था।










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