महर्षि दयानंद सरस्वती ने आजादी से पहले निडरता से स्वधर्म, स्वभाषा और स्वराज का प्रचार किया ,कही ये बात

 गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने आजादी से पहले निडरता से स्वधर्म, स्वभाषा और स्वराज का प्रचार किया, जब इन विषयों पर बात करना मना था।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 21 March 2023, 8:46 PM IST
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नयी दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने आजादी से पहले निडरता से स्वधर्म, स्वभाषा और स्वराज का प्रचार किया, जब इन विषयों पर बात करना मना था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शाह ने आर्य समाज के 148वें स्थापना दिवस पर कहा कि इसकी स्थापना करके महर्षि दयानंद ने देश की उस आत्मा को जगाया जो वर्षों से सोई हुई थी और वह वेद व्यास के बाद सबसे पहले वेदों को उनके मूल रूप में वापस लाने वाले थे।

उन्होंने कहा कि आजादी-पूर्व दौर में जब स्वधर्म, स्वभाषा और स्वराज के बारे में बात करना प्रतिबंधित था, महर्षि दयानंद ने निडर होकर देश में इनका प्रचार किया। गृह मंत्री ने कहा कि अपनी मातृभाषा गुजराती होने और संस्कृत में विशेषज्ञता होने के बावजूद महर्षि दयानंद ने अपने लेखन के लिए हिंदी को चुना।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को विश्व गुरु बनाने के रास्ते पर आगे ले जाने के लिए दयानंद सरस्वती के जीवन से प्रेरणा ली है। शाह ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं उसी क्षेत्र में पैदा हुआ हूं, जहां से महर्षि दयानंद आए थे।’’

उन्होंने कहा कि जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो ‘‘हमें पता होना चाहिए कि महर्षि दयानंद ने ही आजादी का पहला आह्वान किया था।’’

शाह ने कहा कि महर्षि दयानंद ने तीव्र गति से देश का बौद्धिक एवं शैक्षिक जागरण प्रारम्भ किया, अनेक क्रांतिकारियों के प्रेरणास्रोत बने तथा प्रमुख सामाजिक सुधारों का सूत्रपात किया।

 

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