Site icon Hindi Dynamite News

आयकर विभाग ने स्टार्टअप में निेवेश के मूल्यांकन को ‘एंजल कर’ नियम अधिसूचित किए

आयकर विभाग ने स्टार्टअप कंपनियों द्वारा निवासी और अनिवासी निवेशकों को जारी इक्विटी और अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय तरजीही शेयरों (सीसीपीएस) के मूल्यांकन के लिए नियमों को अधिसूचित किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
आयकर विभाग ने स्टार्टअप में निेवेश के मूल्यांकन को ‘एंजल कर’ नियम अधिसूचित किए

नयी दिल्ली: आयकर विभाग ने स्टार्टअप ṇकंपनियों द्वारा निवासी और अनिवासी निवेशकों को जारी इक्विटी और अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय तरजीही शेयरों (सीसीपीएस) के मूल्यांकन के लिए नियमों को अधिसूचित किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम के नियम 11यूए में बदलाव के तहत यह प्रावधान किया है कि अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय तरजीही शेयरों का मूल्यांकन भी उचित बाजार मूल्य पर आधारित हो सकता है।

संशोधित नियमों में नियमों के मसौदे में प्रस्तावति पांच नए मूल्यांकन के तरीकों को भी कायम रखा गया है। ये हैं…तुलनात्मक कंपनी एकाधिक विधि, संभाव्य भारित अपेक्षित प्रतिफल विधि, विकल्प मूल्य निर्धारण विधि, विश्लेषण विधि, और प्रतिस्थापन लागत की विधि।

नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार अमित अग्रवाल ने कहा कि भारतीय आयकर अधिनियम के नियम 11यूए में संशोधन करदाताओं को कई मूल्यांकन विधियों के माध्यम से लचीलेपन की पेशकश करके सकारात्मक बदलाव लाने वाला है।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘ये बदलाव करदाताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त दृष्टिकोण सहित चयन के लिए मूल्यांकन विधियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। इससे विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और चीजों में स्पष्टता आएगी।

एकेएम ग्लोबल के कर भागीदार अमित माहेश्वरी ने कहा कि नए एंजल कर नियमों ने सीसीपीएस मूल्यांकन तंत्र के एक महत्वपूर्ण पहलू का बहुत अच्छी तरह से ध्यान रखा है, जो पहले नहीं था, क्योंकि उद्यम पूंजी (वीसी) कोषों द्वारा भारत में अधिकांश निवेश केवल सीसीपीएस मार्ग के माध्यम से किया जाता है।

सीबीडीटी ने इस साल मई में गैर-सूचीबद्ध और गैर-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप इकाइयों में वित्तपोषण के मूल्यांकन पर नियमों का मसौदा जारी किया था। सीबीडीटी ने यह मसौदा आयकर लगाने के मकसद से जारी किए थे। इसे ‘एंजल कर’ कहा जाता है। इसपर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी गई थीं।

 

Exit mobile version