इस साल मुंबई में आवास की बिक्री एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है: नारेडको-जेएलएल

डीएन ब्यूरो

मुंबई में मकानों की बिक्री इस वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये के पार रहने की संभावना है और बढ़ती मांग के चलते 2030 में इसके दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मुंबई में आवास की बिक्री एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना
मुंबई में आवास की बिक्री एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना


मुंबई: मुंबई में मकानों की बिक्री इस वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये के पार रहने की संभावना है और बढ़ती मांग के चलते 2030 में इसके दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।

रियल एस्टेट क्षेत्र के निकाय नारेडको की महाराष्ट्र इकाई और प्रॉपर्टी कंसल्टेंट जेएलएल इंडिया ने शुक्रवार को यहां ‘अनलॉकिंग अपॉर्चुनिटीज विद इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट’ रिपोर्ट जारी की।

रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई भारत के सबसे बड़े आवासीय बाजारों में से एक के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुए है, जो देश में कुल आवासीय बिक्री मूल्य में 40 प्रतिशत का योगदान देता है। इकाइयों की संख्या के संदर्भ में सात शहरों में कुल बिक्री मात्रा में मुंबई के बाजार का 25 प्रतिशत योगदान है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ बिक्री मूल्य और बिक्री की मात्रा दोनों के मामले में 2018 के रिकॉर्ड को 2022 में पीछे छोड़ने के के साथ बिक्री में मजबूत सुधार देखा गया है।’’

मुंबई में 2023 में आवासीय इकाइयों की बिक्री और बढ़ने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ आवासीय बिक्री मूल्य एक लाख करोड़ रुपये के पार जाने की संभावना है।’’

सलाहकार का अनुमान है कि 2030 में बिक्री दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगी।

मुंबई में 2022 वित्त वर्ष में 90,552 करोड़ रुपये और इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में 50,075 करोड़ रुपये की बिक्री देखी गई। कोविड-19 वैश्विक महामारी से पहले 2019 में यह 60,928 करोड़ रुपये और 2018 में 66,820 करोड़ रुपये थी।

नारेडको महाराष्ट्र के अध्यक्ष एवं रुनवाल डेवलपर्स के प्रबंध निदेशक संदीप रुनवाल ने कहा, ‘‘ महाराष्ट्र बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति अपनी सरकार के दूरदर्शी दृष्टिकोण के चलते उल्लेखनीय परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। हमारे सामने असीमित अवसर हैं और राज्य की बेहतरी तथा रियल एस्टेट क्षेत्र की उन्नति के लिए उनका इस्तेमाल करना हमारी साझा जिम्मेदारी है।’’

 










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