एलएनजेपी अस्पताल में करंट लगने का मामला: मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के परिसर में एक निर्माण स्थल पर करंट लगने से एक मजदूर की मौत के मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा है और चार सप्ताह में मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के परिसर में एक निर्माण स्थल पर करंट लगने से एक मजदूर की मौत के मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा है और चार सप्ताह में मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि अस्पताल अधिकारियों की ओर से 'लापरवाही' प्रथम दृष्टया स्पष्ट है और इसके परिणामस्वरूप जन हानि हुई।
इसमें कहा गया है कि काम की निगरानी करने और निर्माण स्थल पर श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानियां बरतने की जिम्मेदारी उनकी है।
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बयान में कहा गया है, ‘‘करंट लगने के कारण होने वाली मौतों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, एनएचआरसी ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया कि मध्य दिल्ली में सरकार द्वारा संचालित लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के बेसमेंट में 2 जुलाई को काम करने के दौरान करंट लगने के कारण 18 वर्षीय एक लड़के की मौत हो गई।’’
उसने कहा कि हाल के दिनों में दिल्ली में बिजली का झटका लगने की यह कथित तौर पर, तीसरी घटना है।
आयोग ने कहा, यदि मीडिया की खबर सही है तो यह पीड़ित के मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है।
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मीडिया की खबर के मुताबिक, एलएनजेपी अस्पताल के परिसर में एक नयी इमारत का निर्माण किया जा रहा है। खबर के अनुसार 2 जुलाई को अस्पताल के बेसमेंट में काम करने वाले 18 वर्षीय एक मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई थी। इसमें कहा गया है कि बेसमेंट में कुछ खुले तार थे और पानी भरा हुआ था।
आयोग ने कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके चार सप्ताह में मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें कहा गया है कि रिपोर्ट में मामले में दर्ज प्राथमिकी की वर्तमान स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों या कर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और मृतक के परिजनों को दिया गया मुआवजा, यदि कोई हो, की जानकारी शामिल होनी चाहिए।
बयान में कहा गया है कि आयोग यह भी जानना चाहेगा कि नए अस्पताल भवन के निर्माण स्थल पर तैनात श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं या नहीं।