Punjab: बेमौसम बरसात से हुए फसलों के नुकसान पर मुआवजे की मांग, किसान संगठनों ने किया ‘रेल रोको’ आंदोलन

डीएन ब्यूरो

पंजाब में 'बेमौसम बरसात' के कारण सूखे और टूटे गेहूं की कीमत में केंद्र सरकार द्वारा कटौती की घोषणा के विरोध में किसानों ने चार घंटे तक 'रेल रोको' आंदोलन किया और कई स्थानों पर रेल की पटरियों पर धरना दिया, जिसके बाद कम से कम 20 ट्रेन रद्द कर दी गईं।

किसान संगठनों का ‘रेल रोको’ आंदोलन
किसान संगठनों का ‘रेल रोको’ आंदोलन


चंडीगढ़: पंजाब में 'बेमौसम बरसात' के कारण सूखे और टूटे गेहूं की कीमत में केंद्र सरकार द्वारा कटौती की घोषणा के विरोध में किसानों ने चार घंटे तक 'रेल रोको' आंदोलन किया और कई स्थानों पर रेल की पटरियों पर धरना दिया, जिसके बाद कम से कम 20 ट्रेन रद्द कर दी गईं।

केंद्र ने पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में बेमौसम बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान के मद्देनजर गेहूं की गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है, वहीं इसने सूखे और टूटे हुए गेंहू के मूल्य में छह प्रतिशत से अधिक की कटौती करने का फैसला किया है।

किसान फसल को हुए नुकसान के लिए प्रति एकड़ अधिक मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।

रेल रोको आंदोलन के दौरान, कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई और यात्रियों को असुविधा हुई।

'भारतीय किसान यूनियन' (बीकेयू) (एकता उगराहां) और बीकेयू (लखोवाल) सहित कई किसान संगठनों ने घोषणा की थी कि वे दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेल पटरियों को अवरुद्ध करेंगे।

लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, संगरूर, फाजिल्का, गुरदासपुर और तरन तारन सहित कई जगहों पर किसानों ने रेल की पटरियों पर धरना दिया।

फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों ने कहा कि जालंधर शहर से होशियारपुर, लुधियाना से फिरोजपुर कैंट, अमृतसर से कादियां, अमृतसर से पठानकोट और वेरका से डेरा बाबा नानक तक चलने वाली ट्रेन सहित 20 ट्रेन रद्द कर दी गईं, जबकि बठिंडा और फाजिल्का के बीच चलने वाली ट्रेन का मार्ग छोटा कर दिया है।

अमृतसर में एक यात्री ने कहा कि वह और उसके परिवार के सदस्य कानपुर जाने वाले थे, लेकिन जब वे रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उन्हें पता चला कि आंदोलन के कारण ट्रेन लेट हो गई है।

फिरोजपुर में एक अन्य यात्री ने कहा कि आंदोलन के कारण दिल्ली जाने वाली उनकी ट्रेन लेट हो गई और उन्हें गर्मी में रेलवे स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा।

बीकेयू (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने मंगलवार को बताया कि किसानों ने सूखे और टूटे गेहूं की कीमत में कटौती के केंद्र के फैसले के खिलाफ 'रेल रोको' आंदोलन को बहाल कर दिया है। उन्होंने सरकार के फैसले को 'किसान विरोधी' करार दिया।

कोकरीकलां ने कहा कि उनके संगठन ने मोगा में अजितवाल, मुक्तसर में गिद्दड़बाहा, गुरदासपुर में फतेहगढ़ चूड़ियां, तरनतारन में पट्टी, संगरूर में धुरी और लहरगागा, लुधियाना में किला रायपुर, मनसा में बुढलाडा, फरीदकोट में जैतो और फाजिल्का में जलालाबाद समेत कई जगहों पर ट्रेन रोकीं।

फिरोजपुर में एक किसान नेता ने कहा कि केंद्र ने किसानों को मदद देने के बजाय मूल्य में कटौती की है।

किसानों ने नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजे की मांग की और 15,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे को अपर्याप्त बताया।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि बेमौसम बरसात के कारण खराब हुई गेहूं की फसल पर केंद्र द्वारा कीमत में की गई कटौती के बोझ को उनकी सरकार उठाएगी।










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