दिल्ली पुलिस ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही समिति से रिपोर्ट मांगी

डीएन ब्यूरो

दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच (फाइल)
यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच (फाइल)


नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि अभी तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ सात शिकायतें मिली हैं और उन सभी की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की जायेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘जांच के तहत हमने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है।’’

देश के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कई नामी पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति की घोषणा की थी।

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस के प्राथमिकी दर्ज करने में देरी पर सवाल उठाया और कहा कि शिकायतकर्ताओं में से एक नाबालिग है और पुलिस को पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘देश की कई ओलंपियन महिला पहलवानों को सड़कों पर धरना देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वे फूट-फूट कर रो रही हैं। उन्हें इस तरह देखकर मेरा खून खौलता है लेकिन दिल्ली पुलिस सो रही है। इन पहलवानों के बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत किए 72 घंटे हो गए हैं।’’

मालीवाल ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ताओं में से एक नाबालिग है। दिल्ली पुलिस को पॉक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी। दिल्ली पुलिस बृजभूषण को बचाने की कोशिश कर रही है। अगर दिल्ली में ऐसा हो रहा है तो देश के अन्य हिस्सों में लड़कियां कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी?’’










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