नयी दिल्ली: सरकार इस साल उपभोक्ता वस्तुओं, रबड़, कागज और हल्के इंजीनियरिंग उत्पादों के लिये 60 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लाएगी। इस पहल का मकसद खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों के आयात पर लगाम लगाना और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण को लेकर आदेश ‘काफी बड़े पैमाने पर’ जारी किये जा रहे हैं। अब तक एसी, रेफ्रिजरेटर, पाइप और सुरक्षा वाल्व जैसे 127 से अधिक उत्पादों के लिए 33 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किये गये हैं।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘फिलहाल, हम भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के सहयोग से 60 नये गुणवत्ता नियंत्रण आदेश पर काम कर रहे हैं। यह न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिये बल्कि गुणवत्ता मानकों में सुधार के लिये भी महत्वपूर्ण हैं।’’
डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि ये आदेश स्मार्ट मीटर, नट, बोल्ट आदि जैसे सामान के लिये जारी किये गये हैं। कानून का उल्लंघन करने पर पहले अपराध के लिये दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। दूसरे और उसके बाद के अपराध के लिये जुर्माना बढ़कर न्यूनतम पांच लाख रुपये है।
विभाग ने ये आदेश विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के व्यापार में तकनीकी बाधाओं पर समझौते के अनुरूप जारी किये हैं।
सरकार की पहल डिजिटल कारोबार के लिये खुला नेटवर्क (ओएनडीसी) के बारे में सचिव ने कहा कि इस पर लेन-देन एक लाख प्रतिदिन को पार कर गया है। अब किसान उत्पादक संगठनों को इससे जोड़ने के लिये काम कर रहे हैं।

