कांग्रेस ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की, जानिये पूरा अपडेट
कांग्रेस ने कहा कि मणिपुर में हुई हालिया हिंसा सुनियोजित लगती है और प्रदेश में शांति बहाली सुनिश्चित करने के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि मणिपुर में हुई हालिया हिंसा सुनियोजित लगती है और प्रदेश में शांति बहाली सुनिश्चित करने के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है।
पार्टी के मणिपुर प्रभारी भक्त चरण दास ने यह दावा भी किया कि मणिपुर में अभी भी स्थिति गंभीर है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मणिपुर में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, 40 हजार लोग प्रभावित हैं और 20 हजार लोग दूसरे स्थानों पर भेजे गए हैं। हजारों घर नष्ट हो गए और राज्य के 15-20 पुलिस स्टेशनों से एके-47 समेत कई हथियारों को लूटा गया है। प्रदेश में हालात बहुत गंभीर हैं।’’
दास ने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा लगता है कि पूरी हिंसा सुनियोजित थी। प्रदेश सरकार सरकार पूरी तरह विफल रही है।’’
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में शांति बहाली के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
दास ने पिछले साल हुए मणिपुर विधानसभा चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए और दावा किया कि मणिपुर में चुनाव जीतने के लिए 2022 में मोदी सरकार ने आत्मसमर्पण कर चुके उग्रवादियों के समूहों के लिए 16 करोड़ रुपये जारी किए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की थी। हथियार के बल पर वोट लिए गए। आतंक के माहौल में चुनाव कराया गया। ’’
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी।
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मणिपुर में हुई हिंसा के दौरान कम से कम 60 लोग मारे गए, जबकि 23,000 से अधिक लोगों को बचाया गया तथा उन्हें सैन्य छावनियों और राहत शिविरों में शरण दी गई है।
भाषा हक
हक नरेश
नरेश