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पिछले पिछले 3 सालों से लंबित मामलों का सीआईसी ने किया निस्तारण, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने पिछले तीन वर्षों में लंबित अपीलों और शिकायतों की संख्या को, निस्तारण के बाद लगभग आधी कर दिया है। पारदर्शिता निकाय द्वारा संकलित आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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पिछले पिछले 3 सालों से लंबित मामलों का सीआईसी ने किया निस्तारण, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

नयी दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने पिछले तीन वर्षों में लंबित अपीलों और शिकायतों की संख्या को, निस्तारण के बाद लगभग आधी कर दिया है। पारदर्शिता निकाय द्वारा संकलित आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई।

अधिकारियों ने 31 मार्च को आयोग द्वारा संकलित अस्थायी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि आयोग के पास 2020-21 में 38,116 मामले लंबित थे, जो 2022-23 में घटकर 19,233 रह गए।

आयोग दो प्रकार के मामलों – शिकायतों और अपीलों – को देखता है। इन मामलों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदकों द्वारा उन सार्वजनिक प्राधिकरणों के खिलाफ दायर किया जाता है जो सूचना उपलब्ध कराने से इनकार करते हैं या देरी करते हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, सीआईसी ने 2020-21 में 19,183 मामले दर्ज किए थे और 17,017 मामलों को निस्तारित किया था। साल के अंत में उसके समक्ष 38,116 मामले लंबित थे।

आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में मामलों का निस्तारण बढ़कर 28,793 हो गया और इसके बाद 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 29,210 हो गयी जिससे लंबित मामलों की संख्या घटकर 19,233 रह गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आयोग की वेबसाइट पर बुधवार को उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, मुख्य सूचना आयुक्त वाई.के. सिन्हा की रजिस्ट्री ने 2022-23 के दौरान 2,655 मामलों को स्वीकार किया और 3,409 मामलों का निस्तारण किया।

सूचना आयुक्तों में, वनजा एन. सरना ने 3,843 मामले, सुरेश चंद्र ने 2,826 मामले, हीरालाल सामरिया ने 4,069 मामले, सरोज पुन्हानी ने 3,807 मामले और उदय माहुरकर ने 5,523 मामले निस्तारित किए।

अधिकारियों ने कहा कि लंबित मामलों की कम संख्या का मतलब है कि सीआईसी में सुनवाई के लिए आने वाले मामलों के निस्तारण में कम समय लगेगा।

सूत्रों ने हालांकि कहा कि आयोग पहले से ही आधी क्षमता पर काम कर रहा है और सूचना आयुक्तों के पांच पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य सूचना आयुक्त सहित शेष छह इस साल अपना कार्यकाल पूरा होने पर कार्यालय छोड़ देंगे।

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