सीबीआई ने NCCF के पूर्व अध्यक्ष व अडाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ क्लोज़र रिपोर्ट दायर की, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आयातित कोयले की आंध्र प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम को आपूर्ति करने के लिए ठेका देने में कथित अनियमितता को लेकर अडाणी एंटरप्राइजेज और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ अपना मामला बंद कर दिया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो


नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आयातित कोयले की आंध्र प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम को आपूर्ति करने के लिए ठेका देने में कथित अनियमितता को लेकर अडाणी एंटरप्राइजेज और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ अपना मामला बंद कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केंद्रीय एजेंसी ने विशेष सीबीआई अदालत में क्लोज़र रिपोर्ट दायर की है। यह मामला 2020 में दर्ज किया गया था। इसमें एनसीसीएफ के तत्कालीन प्रबंध निदेशक जी.पी गुप्ता और वरिष्ठ सलाहकार एस.सी सिंघल को भी आरोपी बनाया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि विशेष अदालत इस बात पर फैसला करेगी कि क्लोज़र रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को वापस भेजा जाए या उपलब्ध सामग्री के आधार पर मामले की सुनवाई की जाए।

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सीबीआई ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और जन वितरण मंत्रालय की तत्कालीन उप सचिव प्रेमराज कौर की शिकायत पर तीन साल तक शुरुआती जांच करने के बाद 2020 में अडाणी एंटरप्राइजेज, एनसीसीएफ के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि कौर ने सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। अदालत ने सेवानिवृत्त अधिकारी और मौजूदा उपसचिव को सुनवाई की अगली तारीख को अदालत में पेश रहने के लिए नोटिस जारी किया है।

जांच के निष्कर्षों के आधार पर सीबीआई ने आंध्र प्रदेश में विद्युत स्टेशनों को कोयले की आपूर्ति के लिए कंपनी का चयन करने में अनियमितता बरतने के आरोप में अडाणी एंटरप्राइजेज और एनसीसीएफ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।

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सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम (एपीजीईएनसीओ) ने विजयवाड़ा में नारला टाटा राव ताप विद्युत संयंत्र और कडप्पा में रायलसीमा ताप विद्युत संयंत्र को बंदरगाह के रास्ते से आयातित छह लाख मीट्रिक टन (एमटी) कोयले की आपूर्ति करने के लिए 29 जून 2010 को निविदा जारी की थी।

एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एनसीसीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने अडाणी एंटरप्राइजेज को अनुचित लाभ देने के लिए उसके साथ निविदा वार्ता की, भले ही कंपनी इसके योग्य नहीं थी।

सीबीआई ने अहमदाबाद स्थित कंपनी को लाभ पहुंचाने और निविदा प्रक्रिया में दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में कंपनी और अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साज़िश और धोखाधड़ी के साथ-साथ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया था।










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