भाजपा विधायक ने छीने गये हथियारों को बिना नाम बताए सौंपने के लिए इंफाल में ‘ड्रॉपबॉक्स’ स्थापित किया

डीएन ब्यूरो

सुरक्षा बलों से छीने गये हथियारों को वापस करने की सुविधा देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एल सुसिंद्रो मेइती ने अपने घर पर एक ‘ड्रॉपबॉक्स’ स्थापित किया है जहां यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हथियार जमा करने वाले व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं हो। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

मणिपुर  भाजपा के विधायक एल सुसिंद्रो मेइती
मणिपुर भाजपा के विधायक एल सुसिंद्रो मेइती


इंफाल: सुरक्षा बलों से छीने गये हथियारों को वापस करने की सुविधा देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एल सुसिंद्रो मेइती ने अपने घर पर एक ‘ड्रॉपबॉक्स’ स्थापित किया है जहां यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हथियार जमा करने वाले व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं हो।

इंडाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार फाल ईस्ट सीट से विधायक सुसिंद्रो के घर के बाहर एक बड़ा पोस्टर लगा है जिसमें अंग्रेजी और मेइती में लिखा है, ‘‘कृपया छीने गये हथियारों को यहां रखें। ’’

इस विज्ञापन के नीचे लिखा है-ऐसा करने में खुद को स्वतंत्र महसूस कीजिए, यह एक संकेत है कि उनसे सवाल नहीं पूछे जाएंगे कि हथियार उन्हें कैसे मिले।

‘पीटीआई-भाषा’ का संवाददाता जब वहां पहुंचा तो वास्तव में ड्रॉपबॉक्स में कुछ स्वचालित राइफल और गोला-बारूद समेत कुछ अन्य हथियार मौजूद थे।

मई की शुरुआत में मणिपुर राज्य में जातीय हिंसा भड़कने पर पुलिस थानों से बड़ी संख्या में हथियार लूट लिए गए थे।

इसके बाद से मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दोनों ने ही लोगों से हथियार सौंपने की अपील की है।

समुदायों की सुरक्षा और शांति स्थापना के लिए राज्य पुलिस के सहयोग से सेना और अर्धसैनिक बल तलाशी अभियान चला रहे हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को सुरक्षा बलों द्वारा संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान कम से कम 35 हथियार और युद्धक सामग्री बरामद की गई।

मणिपुर में एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई थी और 310 अन्य घायल हो गए थे।

फिलहाल कुल 37,450 लोग 272 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'जनजातीय एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद पहली बार तीन मई को हिंसक झड़पें हुईं थीं।

मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय का हिस्सा 53 फीसदी है जो ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। इसके विपरीत नगा और कुकी समुदाय का राज्य की कुल आबादी में 40 फीसदी योगदान है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं।










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